Bihar: बिहार बोर्ड ने इस साल 10वीं पास करने वाले छात्रों के लिए एक नया निर्देश जारी किया है। बता दें बिहार शिक्षा विभाग ने ने कहा है कि बिहार बोर्ड इंटर प्रथम वर्ष में उसी स्कूल में दाखिला होगा जिससे उस छात्र ने मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की है।
Highlights
- इस साल से छात्रों के लिए बदला नियम
- 10वीं पास करने बाद मिलेगा एडमिशन
- इंटर प्रथम वर्ष में उसी स्कूल में दाखिला होगा
मैट्रिक पास के बाद वहीं इंटर में होगा नामांकन
शिक्षा विभाग ने कहा है कि मैट्रिक उत्तीर्ण विद्यार्थियों का 11 वीं में नामांकन उसी स्कूल में लिया जाएगा, जहां से वो पास हुए हैं। विशेष परिस्थिति में कोई विद्यार्थी दूसरे स्कूल में नामांकन लेना चाहता है तो जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित विद्यालय स्थानांतरण प्रमाणपत्र के आधार पर स्पॉट एडमिशन के दौरान उसका नामांकन किया जा सकेगा। हस्ताक्षर के समय पदाधिकारी ध्यान रखेंगे कि विद्यार्थी का नामांकन दूर के स्कूल में नहीं हो।
विशेष परिस्थिति में यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विद्यालय में नामांकन के लिए जाना चाहे तो संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र के आधार पर मौके पर नामांकन (स्पाट एडमिशन) के दौरान उस विद्यार्थी का 11वीं में दाखिला किया जा सकेगा।
विभाग ने जारी की गाइडलाइन
इस संबंध में शिक्षा विभाग ने बुधवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को गाइडलाइन जारी करते हुए पत्र लिखा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि विभागीय निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगा यह निर्देश
यह निर्देश चालू शैक्षणिक सत्र 2024-25 से कक्षा 11वीं में नामांकन के संबंध में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। दसवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को 11वीं कक्षा में नामांकन हेतु समिति द्वारा पोर्टल के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किया गया है।
सरकार की निर्धारित नीति
विद्यार्थियों के नामांकन हेतु विद्यालय आवंटन के संबंध में यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि सरकार की निर्धारित नीति के अनुसार, राज्य के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है, ताकि उन पंचायतों के निवासी विद्यार्थियों को वर्ग 9-12 तक के अध्ययन में कोई असुविधा न हो और उन्हें अधिक दूरी तय कर दूर के विद्यालय में नामांकन लेने की बाध्यता नहीं रहे।
संबंधित विद्यालयों में शिक्षण कार्य की सुविधा हेतु बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा के आलोक में करीब 1 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। इस प्रकार प्रत्येक उत्क्रमित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं।
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