Bihar News : सेना की बहाली में जाति-धर्म पूछने का क्या औचित्य है : जदयू-राजद का केंद्र सरकार से सवाल - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

Bihar News : सेना की बहाली में जाति-धर्म पूछने का क्या औचित्य है : जदयू-राजद का केंद्र सरकार से सवाल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सेना की बहाली में जाति-धर्म पूछने का क्या औचित्य है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मंगलवार को केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सेना की बहाली में जाति-धर्म पूछने का क्या औचित्य है।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को संबोधित कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा, ‘‘सेना की बहाली में जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत है? जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’
अपने ट्विटर हैंडल के जरिए कुशवाहा ने रक्षामंत्री से सवाल किया, ‘‘सेना की बहाली में जाति प्रमाणपत्र के साथ जाति-धर्म की जानकारी देने-लेने का अगर कोई सदुपयोग है तो स्पष्ट होना चाहिए अन्यथा इसके दुरुपयोग की आशंका देशवासियों में वाज़िब है। कृपया आशंका दूर करवायें।’’
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘अग्निवीरों की बहाली के लिए जारी अधिसूचना में उनसे जाति और धर्म के बारे में पूछे जाने पर उन्हें आश्चर्य हुआ क्योंकि इसमें आरक्षण का प्रावधान ही नहीं है।
ऐसे में मैंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया है इसपर एक स्पष्टीकारण आना चाहिए कि आखिर इसका उपयोग क्या है क्यों जब इसका कोई सदुपयोग है नहीं… जब कोई सुविधा होती जाति के कारण तो इसका सदुपयोग होता। सदुपयोग है नहीं तो ऐसे में संभव है कि बाद में इसका दुरूपयोग हो सकता है।’’
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने अपने व्यंग्यात्मक ट्वीट में कहा, ‘‘जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की। 
संघ की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है।’’उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये जाति इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि देश का सबसे बड़ा जातिवादी संगठन आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) बाद में जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा।’’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा, ‘‘आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75 प्रतिशत सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति-धर्म देखकर 75 फीसदी सैनिकों की छँटनी करेगी। सेना में जब आरक्षण है ही नहीं तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत।’’
बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी जदयू और राजद की तरह सवाल किया, ‘‘जब सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना के तहत जाति आधारित आरक्षण नहीं है तो उन्हें अपनी जाति का खुलासा करने के लिए क्यों कहा जा रहा है।’’
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘सशस्त्र बलों में उम्मीदवारों के सभी व्यक्तिगत विवरण एकत्र किये जाता रहा है। यह कोई नई बात नहीं है और कोई विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है।’’

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