उच्चतम न्यायालय ने अपने उस फैसले पर पुनर्विचार संबंधी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने कहा था कि किसी व्यक्ति के खिलाफ कथित आपराधिक साजिश रचने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-120बी लागू करके धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है, यदि कथित आपराधिक साजिश पीएमएलए के तहत अधिसूचित अपराध से संबंधित नहीं है।
- धारा-120बी लागू करके धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज नहीं
- 120बी में आपराधिक साजिश के लिए सजा का प्रावधान
- पीएमएलए के तहत अधिसूचित अपराध से संबंधित नहीं
आईपीसी की धारा 120बी में आपराधिक साजिश के लिए सजा का प्रावधान
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने 29 नवंबर, 2023 के उस फैसले की समीक्षा संबंधी अर्जी खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि यह जरूरी नहीं है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए की धारा-तीन के तहत अपराध का आरोप है, उसे अधिसूचित अपराध में आरोपी के रूप में दिखाया जाए।
पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘‘खुली अदालत में पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई संबंधी अर्जी खारिज की जाती है। आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं। (पुनर्विचार याचिका दायर करने में) विलंब माफ किया जाता है। हमने 29 नवंबर, 2023 के फैसले और आदेश का अवलोकन किया है, जिसकी समीक्षा करने का अनुरोध किया गया है। रिकॉर्ड पर स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि नहीं है, इसके अलावा पुनर्विचार को कोई आधार भी नहीं है। तदनुसार, पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं।
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