मोदी सदा विकास का बिगुल फूंकते हैं - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

मोदी सदा विकास का बिगुल फूंकते हैं

मोदी के प्रतिद्वंद्वी प्रायः यह कहते सुने जाते हैं कि वे मंदिरों को प्राथमिकता इसलिए देते हैं कि वे चुनाव जीतना चाहते हैं। बहुत छोटी बात बोलते हैं ये लोग और लगता है कि अक्ल के पीछे डंडा लेकर दौड़ रहे हैं क्योंकि मोदी जैसे व्यक्तित्व को चुनाव से कोई लेना-देना नहीं, न ही राजनीति से मिलने वाले लाभों व शान-ओ-शौकत से कोई सरोकार और न ही अरबों-खरबों की संपत्ति एकत्र करने की ईच्छा है, बल्कि ज़मीन से जुड़े इस प्रधानमंत्री के रूप में सेवक को भारत माता को उसे विश्व गुरु बना, ऐसी ऊंचाइयों पर ले जाना है, जहां अमेरिका, ब्रिटेन, चीन मुक़ाबले में भारत कोसों आगे हों। रही बात राम मंदिर के नाम में चुनाव जीतने की, तो इस शुभ कार्य को इन विपक्षी दलों ने क्यों नहीं बनवाया? अपने ही देश में हिंदू तबके को अदालत से वर्षों संघर्ष कर अपने सबसे बड़े आराध्य की प्राप्ति मोदी ने चुनाव जीतने हेतु नहीं बल्कि इस कार्य को पूर्ण करने के लिए की, को उन लोगों के निकम्मेपन के कारण रह गया था, क्योंकि वे को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को काल्पनिक मानते हैं और राम सेतु को भी नहीं मानते।
वैसे भी भारत इतना विशाल देश है कि हर एक-दो वर्ष में कहीं न कहीं चुनाव चलते रहते हैं और जो लोग जनता की नजर में मोदी की भांति हर प्रकार से दमदार, शानदार, वफादार, सेवादार, कामदार और ईमानदार नहीं होते, जानते हैं कि चुनाव जीतना आसान नहीं, अपनी असफलता का ठीकरा मोदी पर फोड़ देते हैं। बात यह नहीं कि मोदी विजयी हों अन्यथा नहीं, देश की बागडोर जिम्मेदार हाथों में रहनी चाहिए और यह पब्लिक है, सब जानती है।
भारत वर्ष को प्रगति व उन्नति के मार्ग पर दौड़ा दिया है, उससे विपक्षी दलों में खलबाली मची हुई है कि यह बंदा किस मिट्टी का बना हुआ है कि न तो रुकता है, न थकता है और न ही झुकता है कि जिस तरक्की से इस व्यक्ति ने अपने दौर में भारत को रूबरू किया है, वह अति विलक्षण है व चमत्कारिक है, जिसे पिछले किसी प्रधानमंत्री के कार्य काल में पूर्ण नहीं किया गया। मोदी को नापसंद करने वाले, गालियां देने वाले और झोलियां फैला कर बददुआ देने वाले भली-भांति जानते हैं कि मोदी जो कहते हैं, करते हैं। उन्होंने कभी नहीं कहा-हम देख रहे हैं, देखेंगे। वे देखने वालों में नहीं, करने वालों में हैं। यही बात उन्हें अन्य प्रधानमंत्रियों से भिन्न करती है। जनता सही जज है, न कि विपक्षी, वामपंथी दल आदि।
मोदी ही वह आदमी है जो आने वाले समय में भारत को एक स्वस्थ, सुंदर (कूड़ा, गंदगी के ढेर विहीन) देश बना सकता है। यही वो व्यक्ति है जो पूरी तरह ईमानदार है और आगे भी ईमानदार रहेगा। यही वो आदमी है जो अपने परिवार के लोगों को हमारे सिर पर नहीं थोपेगा। बतौर एक वोटर, मोदी पर 100 प्रतिशत विश्वास है कि यह व्यक्ति देश के लिए कितना भी कठिन निर्णय हो उसे लेने में कभी नहीं हिचकेगा व पूरा करने के लिए कुछ भी कर सकता है। चुनाव जीतेगा तो सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा के लिए 10 साल में, यह व्यक्ति एक दिन भी खाली नहीं बैठा, कुछ न कुछ करता ही रहा, चाहे वह वंदे भारत रेल हो या कश्मीर में सबसे ऊंचा पुल बनाना हो, या दुश्मन के घर में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करनी हो, जिस पर विपक्षियों ने सवाल उठाए। मोदी से पूर्व जीडीपी 1.8 ट्रिलियन थी और आज 3.7 ट्रिलियन है।
मोदी से पूर्व प्रति व्यक्ति आय 78 हज़ार थी तो आज यह 1 लाख 15 हज़ार है। मोदी से पूर्व हम 10वें आर्थिक स्थान पर थे और आज 5वें आर्थिक स्थान पर हैं। मोदी से पूर्व हमारे देश ने 200 बिलियन का व्यापार किया था और आज यह संख्या 800 बिलियन के लगभग है। मोदी से पहले हमारे पास 5 मैट्रो शहर थे, आज 21 हैं। मोदी से पूर्व हमारे पास 74 एयरपोर्ट थे और आज 160 हैं। मोदी से पूर्व केवल 40 प्रतिशत गांवों में बिजली थी, आज 95 प्रतिशत गांवों में बिजली है।
मोदी से पूर्व केवल 7 एम्स थे, आज 22 हैं। मोदी से पूर्व ई-वे की लंबाई 680 किलोमीटर थी, आज 4067 मीटर है। मोदी से पूर्व रेलवे ट्रैक 25,700 किलो मीटर था, आज, 5,7,700 किलोमीटर है। मोदी से पूर्व सड़क गुणवत्ता में हम 88वें स्थान पर थे, आज 42 वें स्थान पर हैं।
मुस्लिम संगठन गुजारिश करते हैं कि भले ही वे मोदी को वोट दें या न दें, मोदी से अंध रंजिश और दुश्मनी का त्याग कर, इस वासुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखने वाले प्रधानमंत्री के बाजुओं को मज़बूत करें, क्योंकि यह वही मोदी है, जिसने कहा है कि वह हर मुस्लिम के एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर देखना चाहता है और यह कि वह मुस्लिमों को अपनी संतान की भांति समझता है व उनके साथ बराबरी का सुलूक करना चाहता है। यह वही मोदी है, जिसने विज्ञान भवन में विश्व की सबसे बड़ी सूफ़ी संगोष्ठी की थी। यह वही मोदी है जिसे छः इस्लामी देशों ने अपने सर्वोच्च इनाम दिए और यह वही मोदी है, जिसके सम्मान में सऊदी अरब के बादशाह सलमान ने रामायण को अरबी में अनुवाद कर भेंट किया था। इस मोदी का ही दम था जिसने अबुधाबी में मंदिर की स्थापना कर दोनों देशों में हर प्रकार से प्रगाढ़ रिश्ते बनाए।
एक सामान्य भारतवासी और दिल्ली नागरिक होने के नाते, लोगों का ये दृढ़ विश्वास है कि आज के समय में यही सबसे उपयुक्त व्यक्ति है जो भारत को विश्व गुरु बना सकती है। यही वह व्यक्ति है जो भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बना सकता है, यही वो आदमी है जो हमको विकासशील देश से एक विकसित देश बना सकता है। जय हिन्द।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 + three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।