कांग्रेस ने सोमवार को कहा की वह कतर से नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की रिहाई पर देशवासियों के साथ खुशी में खुद को शामिल करती है।
- कतर में फांसी की सजा पाए 7 नौसैनिक आज भारत लौटे हैं
- नौसेनिकों के लौटने पर कांग्रेस ने खुशी जताई है
- कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है- जयराम रमेश
सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी ख़ुद को इस ख़ुशी में शामिल करती है कि क़तर में कोर्ट से फांसी की सज़ा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफ़सर रिहा होकर घर वापस आ गए हैं। हम उन्हें और उनके परिवारजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 12, 2024
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कतर से रिहा होने वाले आठ पूर्व नौसैनिकों में से सात स्वदेश लौट आए हैं और देश अपने नागरिकों की रिहाई तथा उनकी घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करता है। नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने जासूसी के एक संदिग्ध मामले में मौत की सजा सुनाई थी।
कांग्रेस ख़ुशी में शामिल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है कि कतर में अदालत से फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी रिहा होकर घर वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा, हम उन्हें और उनके परिवारजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी। निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने किया फैसले का स्वागत
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि भारत इस फैसले का स्वागत करता है। विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। विदेश मंत्रालय ने कहा, रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं। आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद हैं और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है।
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