केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मयंक तिवारी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। उसने हाल ही में खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का अधिकारी बताया था और इंदौर में एक अस्पताल पर बकाया 16 करोड़ न लेने के लिए प्रवर्तकों पर दबाव बनाया था। सीबीआई ने इस मामले में करीब तीन माह की लंबी जांच के बाद दिल्ली की एक विशेष अदालत में पहला आरोप पत्र दायर किया।
Highlights
- PMO का अधिकारी बताने वाले मयंक तिवारी पर CBI ने कसा शिकंजा
- मयंक तिवारी के घर पड़े थे सीबीआई के छापे
- इंदौर के अस्पताल के संचालक दो चिकित्सकों के साथ समझौता किया
मयंक तिवारी के घर पड़े थे सीबीआई के छापे
मालूम हो कि सीबीआई ने इस मामले में मयंक तिवारी के अहमदाबाद स्थित परिसरों की तलाशी ली थी। इस दौरान एजेंसी के अधिकारियों ने कई दस्तावेज भी जब्त किए थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि तिवारी ने कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन से कॉल और संदेश के माध्यम से आंख अस्पताल की श्रृंखला डॉ. अग्रवाल के प्रवर्तकों से इंदौर में अस्पताल के साथ विवाद को सुलझाने के लिए कहा। इंदौर के अस्पताल को कथित तौर पर 16 करोड़ रुपये डॉ. अग्रवाल नाम की नेत्र अस्पताल श्रृंखला को देने थे।
इंदौर के अस्पताल के संचालक दो चिकित्सकों के साथ समझौता किया
उन्होंने आगे बताया कि आरोप है कि डॉ. अग्रवाल ने फ्रेंचाइजी में शामिल होने की इच्छा रखने वाले इंदौर के अस्पताल के संचालक दो चिकित्सकों के साथ एक समझौता किया था और इसके लिए ही 16 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था।
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