कांग्रेस ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मनरेगा के लिए घोषित राशि का शनिवार को स्वागत किया और इससे प्रवासी मजदूरों को लाभ देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी पैकेज केवल 3.22 लाख करोड़ रूपये के बराबर है। कांग्रेस ने कहा कि मनरेगा की मजदूरी 300 रुपये करने के साथ ही घर लौट रहे श्रमिको को इसका लाभ दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकारी पैकेज केवल 3.22 लाख करोड़ रूपये के बराबर है जो जीडीपी का महज 1.6 फीसदी है यह 20 लाख करोड़ रूपये नहीं है, जैसा प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ” मैं वित्त मंत्री की बात पर सवाल खड़ा कर रहा हूं, प्रधानमंत्री की बात से इत्तेफाक नहीं रखता और सरकार को चुनौती दे रहा हूं कि आंकड़ों के मामले में मुझे गलत साबित करके दिखाए, मैं वित्त मंत्री से बहस के लिए तैयार हूं।”
आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि लॉक डाउन के कारण गरीब की रोजी रोटी चली गयी है और प्रवासी श्रमिक गांव की तरफ लौट रहे है इसलिये प्रवासी मज़दूरों को भी गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारटी योजना- मनरेगा के तहत रोजगार मिलना चाहिए और मनरेगा दीहाड़ी 300 रुपये प्रति दिन की जानी चाहिए। सीतारमण ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये देने की आज घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आज स्वीकार किया है कि लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित शहरी गरीब और प्रवासी श्रमिक हुए है। उनका कहना था कि इनकी स्थिति को समझते हुए सरकार को इन लोगो की जेब मे पैसा डाल कर उनकी वित्तीय क्षमता बढ़ानी चाहिए। शर्मा ने कहा कि गांव में गरीब महिलाए लॉकडाउन से परेशान है। उनके जनधन खाते में 500 रुपये डाले गए है लेकिन जनधन खाते सिर्फ 21 फीसदी महिलाओ के है इसलिए मनरेगा से गरीब महिलाओ को पैसा दिया जाना चाहिए और उन सबकी मदद होनी चाहिए।
वित्त मंत्री सीतारमण ने की कांग्रेस से प्रवासी मुद्दे पर राजनीति छोड़ केंद्र सरकार का साथ देने की अपील
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार जिसे पैकेज बात रही है, सही मायने में वह पैकेज नही है और ना ही वह जीडीपी का 10 फीसदी है, जैसा कि सरकार दावा कर रही है। यह लोगो को तत्काल लाभ देने वाला आर्थिक पैकेज नही बल्कि अर्थव्यस्था बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता है और यह जीडीपी का 10 नहीं बल्कि करीब तीन फीसदी है।