एक एल्युमिनाई मीट को संबोधित करते समय IIT कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. समीर खांडेकर को हार्टअटैक पड़ गया। मौजूद लोग समझे कि वह भावुक हो रहे है लेकिन गिरते ही हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कॉर्डियोलाजी ले जाया गया जहां मृत घोषित कर दिया गया। वह प्रोफेसर होने के साथ डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद पर भी कार्यरत थे। आईआईटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. समीर खांडेकर (55) के परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी पत्नी प्रद्यन्या खांडेकर और उनका पुत्र प्रवाह खांडेकर हैं।
HIGHLIGHTS
- मंच पर बोलते- बोलते हुई वैज्ञानिक समीर खांडेकर की मौत
- जबलपुर में हुआ था जन्म, 2004 में जर्मनी से PHD की थी
- खानपान की वजह से हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा
प्रो. समीर का अंतिम संस्कार उनके परिवार के आने के बाद होगा
प्रो. समीर खांडेकर के बेटे प्रवाह अभी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं। उनके लौटने पर ही प्रो. समीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी उनका शव संस्थान के हेल्थ सेंटर में रखा गया है। वह आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र भी थे। प्रो. खांडेकर के नाम पर आठ पेटेंट भी हैं।
जबलपुर में हुआ था जन्म, 2004 में जर्मनी से PHD की थी
प्रो. खांडेकर का जन्म 10 नवंबर 1971 को जबलपुर में हुआ था। उन्होंने सन् 2000 में आईआईटी कानपुर से बीटेक और जर्मनी से 2004 में पीएचडी किया था। इसके बाद 2004 में आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया। 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर, 2014 से प्रोफेसर, 2020 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष बने। 2023 में उनको डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर पद की जिम्मेदारी मिली। प्रो. खांडेकर सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। वह प्रो. एचसी वर्मा की ओर से चलाए जा रहे शिक्षा सोपान आश्रम से भी जुड़े रहे हैं। एक सरकारी डेटा अलर्ट कर रहा है. आज खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. भारत में पिछले तीन सालों में दिल का दौरा पड़ने से मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड 19 के बाद दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना तक बढ़ गया है। NCRB की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 2022 में ही हार्ट अटैक के मामलों में 12.5% का इजाफा हुआ है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें और हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें
खानपान की वजह से हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा
आज खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भारत में पिछले तीन सालों में दिल का दौरा पड़ने से मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड 19 के बाद दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना तक बढ़ गया है। NCRB की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 2022 में ही हार्ट अटैक के मामलों में 12.5% का इजाफा हुआ है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें और हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें
हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में दिल का दौरा पड़ने से 32,457 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2021 में हार्ट अटैक के आने से 28,413 लोगों की मौत हो गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले 2022 में अचानक से मौत होने में हार्ट अटैक काफी गंभीर बना है. 2020 में 28,579 लोगों की मौत हुई लेकिन 2021 में ये संख्या कम हुई और 28,413 पहुंच गई लेकिन 2022 में एक बार फिर इसमें इजाफा हुआ और संख्या बढ़कर 32,457 हो गई।
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