तेलंगाना में दिख रही है त्रिकोणीय लड़ाई, इन पार्टियों के बीच है कड़ी जंग

तेलंगाना में दिख रही है त्रिकोणीय लड़ाई, इन पार्टियों के बीच है कड़ी जंग

Triangular fight between Congress, BJP and BRS

Telangana: चुनाव आयोग ने मंगलवार को तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटें सहित 13 मई को सिकंदराबाद छावनी विधानसभा क्षेत्र में होने जा रहे उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।

Highlights:

  •  तेलंगाना की 17 सीटों के लिए चुनाव आयोग ने जारी की अधिसूचना  
  • कांग्रेस, विपक्षी बीआरएस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय टक्कर के आसार
  • 17 लोकसभा क्षेत्रों और सिकंदराबाद छावनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 मई को मतदान होगा

 

त्रिकोणीय टक्कर के आसार

बहरहाल, स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। यह मुकाबला मुख्य रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस, विपक्षी बीआरएस और बीजेपी के बीच देखने को मिल सकता है। 2019 के चुनावों में, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने नौ लोकसभा सीटें हासिल कीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चार सीटें जीतीं। कांग्रेस पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने हैदराबाद को बरकरार रखा।

साढ़े 3 करोड़ वोटर्स में से अधिक महिलाएं डालेंगी वोट

नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल है। 26 अप्रैल को नामांकन की जांच की जाएगी। वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल है। सभी 17 लोकसभा क्षेत्रों और सिकंदराबाद छावनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 13 मई को मतदान होगा।
राज्य के 104 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। जबकि शेष 13 वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में यह शाम 4 बजे समाप्त होगा। 3.30 करोड़ से कुछ अधिक मतदाता, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं हैं, इन चुनावों में वोट डालने के पात्र हैं।

BRS के बागियों के सहारे कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस पार्टी इस बार अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाह रही है। पार्टी ने 12 सीटों का लक्ष्य रखा है और वह पिछले कुछ महीनों के दौरान बीआरएस से कांग्रेस खेमे में आए कई नेताओं का फायदा उठाने की उम्मीद कर रही है। विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद भाजपा भी बेहतर प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त है। भगवा पार्टी अपनी संख्या को दोहरे अंक तक बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

BRS के लिए लिटमस टेस्ट

बीआरएस पार्टी वर्तमान में देखें तो अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। मौजूदा सांसदों, विधायकों और एमएलसी सहित कई नेताओं के कांग्रेस में चले जाने से बीआरएस को 2019 में जीती गई सीटों को बरकरार रखने के लिए लिटमस टेस्ट का सामना करना पड़ेगा।

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