पटना : निर्माण मजदरों का अन्तर्राष्ट्रीय संगठन बी.डब्लू.आई. एवं एफ.एन.भी. के पहल पर कंस्ट्रक्शन लेबर यूनियन (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि इस निर्माण मजदूरों को कल्याण बोर्ड में निबंधन कराना मुश्किल होता जा रहा है। फलस्वरूप इन मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है। बिहार में खेततिहर मजदूरों से भी ज्यादा संख्या निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की है जो करीब 60 लाख है।
श्री सिंह ने कहा कि निर्माण मजदूरों के निबंधन एवं नवीकरण की प्रक्रिया को और सरलीकरण करने की आवश्यकता है। साथ ही इस क्षेत्र में कार्यरत्त श्रमिक संगठनों की उपेक्षा भी निर्माण मजदूरों के हित में नही है। कल्याण बोर्ड में जमा राशि मजदूरों के कल्याण हेतु ही 10 लाख अथवा इससे अधिक के निर्माण कार्य पर 01 (एक) प्रतिशत शेष के रूप में वसुली की जाती है। श्री सिंह ने कहा कि मकान मरम्मति हेतु मिलने वाली 20 हजार की राशि की प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया गया है कि उसका लाभ मिलना दुष्कर कार्य जैसा हो गया है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि निर्माण कल्याण बोर्ड में पूरे देश में 40000 (चालीस) हजार करोड़ एवं बिहार में करीब 1300 करोड़ रूपये जमा है। परन्तु निर्माण मजदूरों को योजनाओं यथा मकान मरम्मति, औजार/साईकिल खरीदने, शादी अनुदान, शिक्षा सहायता एवं पेंशन आदि हेतु राशि नही मिल पा रही है। श्री सिंह ने कहा कि सरकारी आंकडानुसार पूरे करीब 08 लाख मजदूरों का निबंधन ही हुआ है।
जबकि सुविधा केवल 01 लाख 30 हजार मजदूरों को ही मिला है। ऐसी स्थिति में मजदूरों का निबंधन की संख्या भी संदेहास्पद लगता है। श्री सिंह ने उपस्थित मजदूरों का आह्वान किया कि 08 एवं 09 जनवरी, 2019 को 12 सूत्री मांगों को लेकर देश के केन्द्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को सफल बनायें। इस अवसर पर निर्माण मजदूरों के श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी सी. के. सिंह एवं श्रमिकों के नेता धमेन्द्र कुमार, भुपेश गुप्ता एवं रानी कुमारी ने भी संबोधित किया।