रांची, (भाषा): चुनाव आयोग ने पिछले वर्ष 11 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर झारखंड के मुख्यमंत्री के तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार एवं वर्तमान में उनके प्रेस सलाहकार अजय कुमार तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा अनुराग गुप्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने एवं उनके खिलाफ तत्काल कारवाई करने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग के सचिव वीरेंद्र कुमार ने आज बताया कि 13 जून को झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को प्रेषित निर्देश में चुनाव आयोग ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने एवं उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की घुस या लाभ से मतदान को प्रभावित करने की धारा 171बी एवं मतदान को प्रभावित करने अथवा मतदाता को डराने-धमकाने से जुड़ी धारा 171सी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही है।
पिछले वर्ष 11 जून को देश के कई अन्य राज्यों के साथ झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव कराए गए थे जिनमें दोनों सीटें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत ली थी जिसके बाद भाजपा पर चुनाव में भ्रष्टाचार करने का आरोप सभी विपक्षी दलों ने लगाया था। पिछले वर्ष के राज्यसभा चुनाव में झारखंड से भाजपा के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी एवं महेश पोद्दार ने जीत हासिल की थी। चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को प्रथम वरीयता के 29 मत तथा विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा के बसंत सोरेन को 26 मत मिले थे।
इसके अलावा दूसरी वरीयता के मतों को जोड़कर भाजपा के महेश पोद्दार को 26.66 मत पड़े थे। इन चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी बसंत सोरेन बहुत थोड़े अंतर से चुनाव हार गए थे जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड विकास मोर्चा एवं कांग्रेस ने राज्य सरकार पर दोनों सीटें जीतने के लिए आचार संहिता का उल्लंघन करने एवं भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। झामुमो के चमरा लिंडा और कांग्रेस के बिट्टू सिंह ने अपना मतदान नहीं किया था।
झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड विकास मोर्चा एवं कांग्रेस में सत्ता पक्ष पर हॉर्स ट्रेडिंग कराने का आरोप लगाया था और कहा था कि सरकार ने जानबूझकर मतदान से ठीक पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा, कांग्रेस विधायक निर्मला देवी और बिट्टू सिंह के खिलाफ पुराने मामलों में वारंट जारी कराए थे ताकि तीनों अपने मत न दे सके।
झारखंड विकास मोर्चा के नेता बाबूलाल मरांडी ने चुनाव में मतदान से ठीक पूर्व अनेक विपक्षी विधायकों से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार एवं झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता की बातचीत की सीडी जारी की थी और मुख्यमंत्री रघुवर दास से इस मामले में सफाई मांगी थी।
राज्य सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों को गलत बताते हुए इन्हें खारिज कर दिया था लेकिन मरांडी ने अजय कुमार एवं अनुराग गुप्ता की कथित बातचीत की सीडी के साथ इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की थी जिसका संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को इन दोनों के खिलाफ कारवाई करने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग ने माना है कि प्रथम दृष्टया उपलब्ध तथ्यों के आधार पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आधार सही प्रतीत होता है। आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही तुरंत शुरू की जा सकती है क्योंकि उन पर पद के दुरुपयोग चुनाव में हस्तक्षेप और सेवा नियमों का उल्लंघन कर वोटरों को प्रलोभन देने और भ्रष्टाचार का मामला बनता है। आयोग ने इस मामले में कार्रवाई से पहले चमरा लिंडा एवं निर्मला देवी के लिखित बयान भी लिए थे।