ED Raids : प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख के परिसरों में ली तलाशी , NCP ने इस कार्रवाई की आलोचना की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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ED raids : प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख के परिसरों में ली तलाशी , NCP ने इस कार्रवाई की आलोचना की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के परिसरों में तलाशी ली। उनके राजनीतिक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस कार्रवाई की आलोचना की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के परिसरों में तलाशी ली। उनके राजनीतिक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस कार्रवाई की आलोचना की, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जांच बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक की जा रही है और उसने इस कार्रवाई के पीछे कोई राजनीतिक मकसद होने के आरोपों को खारिज कर दिया।
वहीं, देशमुख ने कहा कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया जो उनके खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके परिसरों की तलाशी के दौरान उनसे मिले। देशमुख ने उम्मीद जतायी कि ‘‘सच्चाई सामने आएगी।’’
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी के आरोपों पर धन शोधन जांच के तहत ईडी ने देशमुख के नागपुर तथा उनके सहयोगियों के मुंबई स्थित परिसरों में तलाशी ली।
उन्होंने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापे मारे गए। देशमुख के नागपुर में जीपीओ चौक स्थित आवास और उनके निजी सचिव संजीव पलांडे तथा निजी सहायक कुंदन शिंदे के मुंबई स्थित परिसरों की तलाशी ली गयी।
सूत्रों ने बताया कि पलांडे को पूछताछ के लिए दोपहर में मुंबई स्थित ईडी कार्यालय लाया गया।
देशमुख ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह भविष्य में भी जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘‘सच्चाई सामने आएगी।’’ देशमुख ने दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मार्च में पद से हटाए जाने के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के झूठे आरोप लगाए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘सिंह को मुकेश अंबानी के आवास के बाहर वह एसयूवी खड़ी किये जाने में उनकी संदिग्ध भूमिका के कारण पद से हटा दिया गया था, जिसमें विस्फोटक मिले थे। मामले में गिरफ्तार किए गए सीआईयू (अपराध खुफिया इकाई) के सभी पांच पुलिस अधिकारी सीधे परमबीर सिंह को रिपोर्ट करते थे। एनआईए मामले की जांच कर रही है।’’
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘सिंह को जब पद से हटा दिया गया तो उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए थे। सीबीआई मामले की जांच कर रही है और मैं सहयोग करूंगा।’’
देशमुख ने गत अप्रैल में राज्य मंत्रिमंडल से तब इस्तीफा दे दिया था जब बंबई उच्च न्यायालय ने 71 वर्षीय नेता के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए 100 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेन-देन के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पिछले महीने देशमुख और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। सूत्रों ने बताया कि जब ईडी की तलाशी जारी थी तब देशमुख मध्य मुंबई के वर्ली स्थित सुखदा भवन स्थित अपने फ्लैट में पहुंचे।
राकांपा ने कहा कि देशमुख के खिलाफ अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है और हताशा में देशमुख को परेशान करने की कोशिश की जा रही है क्योंकि उनके और उनके परिवार के खिलाफ जांच में कुछ भी खुलासा नहीं हो पाया है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये सभी चीजें हमारे लिए नयी नहीं हैं। अनिल देशमुख (ऐसी कार्रवाई का सामना करने वाले) पहले नहीं हैं। सत्ता में रहने वालों ने सत्ता के इस्तेमाल का एक नया चलन दिखाया है। अब उस मुद्दे पर बात करने की अब जरूरत नहीं है। हम इसके बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। ’’
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि देशमुख के खिलाफ जांच उच्च न्यायालय के आदेश के तहत हो रही है और राज्य के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताना गलत है।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने धनशोधन के मामले में देशमुख की मुंबई और नागपुर स्थित ठिकानों की शुक्रवार को तलाशी ली। केंद्रीय एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद देशमुख और अन्य के खिलाफ पिछले महीने धनशोधन निरोधी कानूनी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ये सभी जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर हो रही हैं। उनमें राजनीतिक कारण तलाशने की कोई वजह नहीं है। हम मानते हैं कि एजेंसिया उच्च न्यायालय के निर्देश पर काम कर रही हैं।’’
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले द्वारा ईडी की तलाशी को आपातकाल के हालात जैसे करार दिए जाने वाले बयान पर फडणवीस ने कहा, ‘‘ उन्होंने वर्ष 1975-77 के दौर का अनुभव नहीं किया है जिसकी पहचान प्रेस पर सेंसरशिप और नागरिक अधिकारों को निलंबित करने से है।’’
विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा, ‘‘सुप्रिया सुले ने आपातकाल को नहीं देखा है क्योंकि उस समय वह बच्ची थीं…यहां तक उस समय मैं भी बच्चा था। उन्होंने आपातकाल का अनुभव नहीं किया है….लेकिन हमने आपातकाल का अनुभव किया है। मेरे पिता बिना किसी मुकदमे के 21 महीने तक जेल में रहे। उनकी तरह लाखों लोग थे। जॉर्ज फर्नांडिज (समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री) को बर्फ की सिल्लियों पर सोने को मजबूर किया गया। आप आपातकाल के बारे में क्या जानती हैं? उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित जांच को आपातकाल से जोड़ना गलत है।’’

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