पीएम मोदी ने कहा- कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझो उसके खेल में खोट है - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

पीएम मोदी ने कहा- कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझो उसके खेल में खोट है

मोदी ने कहा कि क्रिकेट के मैदान में अगर कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझो उसके खेल में खोट है। चुनाव के मैदान में कोई कभी ईवीएम को गाली दे, कभी चुनाव आयोग को, तो समझो उसका खेला शेष है।

देश में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव जारी है, ऐसे में हर चुनावी राज्य में सियासी जुबान-बाजी जारी है। पश्चिम बंगाल के हुगली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने चुनावी रैली में ममता के द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर तीखा सियासी तंज कसा। 
मोदी ने कहा कि क्रिकेट के मैदान में अगर कोई खिलाड़ी बार-बार अंपायर पर सवाल उठाए तो समझो उसके खेल में खोट है। चुनाव के मैदान में कोई कभी ईवीएम को गाली दे, कभी चुनाव आयोग को, तो समझो उसका खेला शेष है। मोदी ने पश्चिम बंगाल में चुनावी रैली में कहा कि दीदी ने यह दावा कर लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई कि लोग पैसे लेकर भाजपा की रैलियों में आ रहे हैं। 
उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक उद्देश्य के लिए दोहन के बाद सिंगुर की उपेक्षा की, इलाके में कोई उद्योग नहीं है और किसान परेशान हैं।’ पश्चिम बंगाल को क्या चाहिए, क्या करना है, इसे लेकर बंगाल की महान जनता में कभी कोई भ्रम नहीं रहा है। इसी वजह से बंगाल के लोगों ने चुनाव में हमेशा स्पष्ट बहुमत को प्राथमिकता है। यहां का बौद्धिक वर्ग, यहां की अध्ययनशील प्रतिभाएं, हमेशा स्पष्ट सोच को लेकर चली हैं।
बंगाल के लोग हमेशा अपनी परीक्षा में पास हुए हैं। फेल वो लोग हुए हैं, जिन्होंने बंगाल के लोगों की अपेक्षाओं को, उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया। फेल वो लोग हुए जिन्होंने बंगाल का विकास नहीं किया, बंगाल को बरसों पीछे धकेल दिया। इसलिए आज बंगाल के लोगों ने एक बार फिर परिवर्तन की कमान संभाल ली है। 
आशोल पॉरिबोर्तोन के उद्घोष में और शोनार बांग्ला के विजन में, बंगाल के लोगों की यही आकांक्षा है। इसलिए, उन्होंने पहले दो चरण के चुनाव से ही बीजेपी के प्रचंड बहुमत का रास्ता तय कर दिया है। 2 मई को क्या नतीजे आने वाले हैं, इसकी झलक हम दो दिन पहले नंदीग्राम में देख चुके हैं। मुझे पक्का पता है, हर चरण के चुनाव के साथ दीदी की ये बौखलाहट बढ़ती जाएगी, मुझ पर गालियों की बौछार भी बढ़ती जाएगी।
बंगाल में एक विशेष मधुरता है, मिठास है। यहाँ की भाषा में मिठास है। यहाँ के भाई-बहनों की भावना में मिठास है, व्यवहार में मिठास है। यहाँ की मिष्टी दोई और मिठाइयों की तो बात ही अलग है। फिर इतनी कड़वाहट कहाँ से लाती हैं दीदी? दीदी की बौखलाहट का एक बहुत बड़ा कारण है, उनके 10 साल का रिपोर्ट कार्ड। पुरानी इंडस्ट्री बंद, नई इंडस्ट्री का रास्ता बंद, नए निवेश, बिजनेस और चाकरी की संभावनाएं मंद।
तृणमूल सरकार तो अपने आप में पश्चिम बंगाल के लिए आपदा सिद्ध हुई है। मानवता कहती है कि जब भी किसी पर मुसीबत आए तो मदद का हाथ आगे बढ़ाना चाहिए। लेकिन तृणमूल के लोगों ने तो मुसीबत को ही कमाई का साधन बना दिया। बार-बार आने वाले चक्रवातों से पश्चिम बंगाल परेशान होता है, चारों तरफ तबाही आती है, गरीब की बाड़ी मिट्टी में मिल जाती है। लेकिन तृणमूल के तोलाबाज़ों की बाड़ी और उनकी गाड़ी का साइज़ बढ़ता ही जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two + 15 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।