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निरंकारी ग्रेनेड हमले में शामिल सिख युवकों की जमानत का रास्ता हुआ आसान

पिछले साल 18 नवंबर को अमृतसर स्थित गांव अदलीवाला के निरंकारी सत्संग भवन पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में पुलिस द्वारा 90 दिनों में

लुधियाना-अमृतसर : पिछले साल 18 नवंबर को अमृतसर स्थित गांव अदलीवाला के निरंकारी सत्संग भवन पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में पुलिस द्वारा 90 दिनों में चालान पेश करने पर असफल रहने से गिरफतार किए गए नौजवानों की जमानत का रास्ता अब आसान हो गया है। जिनके द्वारा अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए जिला सेशन जज स. जसपिंद्र सिंह हेरा की अदालत ने अब 3 अप्रैल को सुनवाई की जा रही है।

स्मरण रहे कि अमृतसर स्थित राजासांसी के गांव अदलीवाल के निंरकारी सत्संग भवन में सत्संग के दौरान इस बम धमाके में तीन लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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दूसरी तरफ चालान करने की देरी पर अदालत द्वारा निचली अदालत से मिले बढ़ौतरी के समय को खारिज करने उपरांत पुलिस ने अपनी गलतियों को छुपाने के लिए विशेष अदालत में चालान भी दे दिया है जबकि पहले पुलिस इसके लिए अतिरिक्त समय मांगकर वक्त व्यतीत करना चाहती थी।

वरिष्ठ वकील जसपाल सिंह माझपुर और नवजीत सिंह टुरूना ने बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले में गिरफतार किए गए विक्रमजीत सिंह निवासी गांव धारीवाल और अवतार सिंह खालसा निवासी गांव चक्क मिश्री खां लोपो के खिलाफ जांच पूरी करके 90 दिन के अंतराल में चालान अदालत में पेश करना लाजिम था।

जिसके मुताबिक विक्रमजीत सिंह का चालान 19 फरवरी और खालसा का चालान 21 फरवरी को देना था किंतु पुलिस द्वारा 90 दिन अतिरिक्त समय बढ़ाए जाने की अपील अजनाला की अदालत में डाली गई थी, जिसको जज राधिका पुरी ने 25 फरवरी को मंजूर कर लिया गया। चालान के वक्त की अवधि बढ़ाने के लिए इस फैसले के खिलाफ सिख नौजवानों द्वारा यहां जिला सेशन जज स. सर्वजीत सिंह धालीवाल की अदालत में पुन: विचार याचिका की अपील स्वीकार कर ली गई।

स. मझपुर ने बताया कि अब पुलिस द्वारा एक अतिरिक्त गलती करते हुए ओहपोह के दौरान जलदबाजी में यह चालान विशेष अदालत में दे दिय है। उन्होंने तर्क दिया कि 90 दिन में चालान पेश किए जााने के नियम के मुताबिक उनके मुवक्कल दोनों नौजवान इस वक्त गैरकानूनी हिरासत में है, जिनको अब अदालत से इंसाफ मिलने का रास्ता आसान हो गया है।

– सुुनीलराय कामरेड

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