एक्शन में आई पुलिस, CDS रावत के विमान क्रैश का वीडियो बनाने वाले शख्स के फोन को जांच के लिए भेजा गया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

एक्शन में आई पुलिस, CDS रावत के विमान क्रैश का वीडियो बनाने वाले शख्स के फोन को जांच के लिए भेजा गया

तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैसे क्रैश हुआ? इसका पता लगाने के लिए ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है।

तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैसे क्रैश हुआ? इसका पता लगाने के लिए ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इंक्वायरी चल रही है। इस बीच कोयंबटूर पुलिस ने उस शख्स के मोबाइल को जब्त करके फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है, जिसने नीलगिरि में बुधवार को चौपर के दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले इसका वीडियो बनाया था। हादसे में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की मौत हो गई।  
विमान क्रैश होने से पहले का वीडियो
दुर्घटनाग्रस्त विमान के कई वीडियो सामने आए थे। लेकिन ज्यादातर वीडियो विमान के क्रैश होने के बाद के थे। मगर एक वीडियो सामने आया था जिसमें दिख रहा था कि विमान आसमान में उड़ रहा है और उसके दो या तीन सेकंड के बाद ही वो बादलों में कहीं अलोप हो जाता है और फिर उसके बाद विमान क्रैश हो जाता है। हादसे की जांच कर रही पुलिस से वो मोबाइल फोन जिससे वीडियो रेकॉर्ड किया गया था उसको फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
पूरा मामला
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य रक्षा कर्मियों की मौत हो गई। सीडीएस वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने जा रहे थे, तभी यह हादसा हो गया। हेलिकॉप्टर लैंडिंग से कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सोशल मीडिया एक हेलिकॉप्टर का वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो हादसे से पहले का है। इसमें हेलिकॉप्टर अच्छी तरह से उड़ता हुआ दिख रहा है। फिर अचानक से यह धुंध के गुबार में खो जाता है।
सबसे सुरक्षित हेलिकॉप्टर Mi-17 V-5
Mi-17 V-5 हेलिकॉप्टर को बहुत सुरक्षित माना जाता है। इसलिए इसे पीएम समेत अन्य वीवीआईपी यूज करते हैं। इसमें डबल इंजन होता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि यदि यह हेलिकॉप्टर इतना सुरक्षित है तो आखिर यह हादसा कैसे हो गया। क्या इस हादसे की वजह तकनीकी गड़बड़ी है या कुछ और। वहीं, जानकारों का मानना है कि कुन्नूर में हुए इस हादसे की वजह कोहरा और सही दृश्यता नहीं होना हो सकती है। जानकारों का कहना है कि इसमें तकनीकी गड़बड़ी का आशंका बहुत कम है। हालांकि, दुर्घटना के जांच के असली कारणों का पता भारतीय वायुसेना की तरफ से की जा रही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद ही आएगा। हेलिकॉप्टर के अवशेषों की आगे की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि क्या दुर्घटना के बाहरी कारण थे। इसके अलावा, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, वेलिंगटन, तमिलनाडु में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ भी उड़ान के बारे में सीधे जानकारी दे सकते हैं।

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