संकट में केवल भारत ने श्रीलंका की मदद की, अन्य ने व्यापार देखा : मोहन भागवत - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

संकट में केवल भारत ने श्रीलंका की मदद की, अन्य ने व्यापार देखा : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि जब श्रीलंका और मालदीव संकट में थे, तब केवल भारत ने ही उनकी मदद की, जबकि अन्य देशों की रुचि व्यापार के अवसर तलाशने में थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि जब श्रीलंका और मालदीव संकट में थे, तब केवल भारत ने ही उनकी मदद की, जबकि अन्य देशों की रुचि व्यापार के अवसर तलाशने में थी।
भागवत ने आरएसएस से जुड़े संगठन ‘भारत विकास मंच’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिकता ‘‘भारत की आत्मा’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘आध्यात्मिकता भारत की आत्मा है। भारत को क्या करने की जरूरत है? उसे हर किसी को अपने उदाहरण के माध्यम से इस आध्यात्मिकता के आधार पर जीवन जीने का तरीका बताना है।’’
भागवत ने कहा कि चीन, अमेरिका और पाकिस्तान जैसे देशों ने श्रीलंका की ओर तब ध्यान दिया, जब उन्हें वहां कारोबार के अवसर दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब श्रीलंका संकट में है, तो कौन मदद कर रहा है? केवल भारत। जब मालदीव जल संकट का सामना कर रहा था, तो उसे पानी किसने भेजा? भारत ने ऐसा किया। यह आध्यात्मिक भारत है।’’
उन्होंने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास की बात करते हुए कहा, ‘‘यदि आप गलत (प्रकार का) खाना खाते हैं, तो यह आपको गलत रास्ते पर ले जाएगा। किसी को ‘तामसिक’ भोजन नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि भारत में भी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह लोग मांस खाते हैं, लेकिन वे ऐसा करते समय संयम बरतते हैं और कुछ नियमों का पालन करते हैं। भागवत ने कहा, ‘‘जो लोग यहां मांसाहारी भोजन करते हैं, वे श्रावण के पूरे महीने मांस नहीं खाते। वे सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार या शनिवार को मांस नहीं खाते हैं। वे अपने लिए कुछ नियम बनाते हैं।’’

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