बजरंग बली अब झारखंड की राजनीति में छा गए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा राजनीतिक दल के एक नेता एक बयान को लेकर काफी असहमति और बहस हो रही है। झारखंड की सियासत में भी बजरंग बली की एंट्री हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व सांसद हेमलाल मुर्मू के बजरंग बली को लेकर दिए गए एक बयान पर सियासत गरमा गई है। हेमलाल मुर्मू ने कहा था कि भाजपा के लोग जमीन कब्जे के लिए बजरंग बली का इस्तेमाल ‘लैंड एक्विजिशन ऑफिसर’ के रूप में करते हैं। जहां भी जमीन कब्जाना हो, वहां रातों-रात लैंड एक्विजिशन ऑफिसर के रूप में बजरंग बली को खड़ा कर दिया जाता है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमलाल मुर्मू के बयान को जहरीली सोच का परिणाम बताया है।
सोरेन को माफी मांगनी चाहिए
उन्होंने कहा है कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों की सनातन धर्म के प्रति घृणित सोच सामने आ रही है। झामुमो नेता हेमलाल मुर्मू ने बजरंग बली को अवैध जमीन पर कब्जा करने का जरिया बताया है। यही नहीं उन्होंने बजरंग बली के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। यह सनातनियों के लिए अपमान की बात है। बजरंग बली आदिवासियों के भी देवता हैं, इसलिए उन्होंने आदिवासी समाज का भी अपमान किया है। ऐसे में हेमलाल के बयान के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को माफी मांगनी चाहिए।
अमर्यादित बयान दिया था
हालांकि, झामुमो नेता हेमलाल मुर्मू बजरंग बली पर दिए गए अपने बयान से पलट गए हैं। उन्होंने कहा कि हम देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं। हमारा परिवार तीज और छठ पर्व मनाता है। हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है। झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा है कि यूपी में संजय निषाद ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का अपमान किया। नरेश अग्रवाल ने भी हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं पर अमर्यादित बयान दिया था।