RSS प्रमुख मोहन भागवत का जाति व्यवस्था पर बड़ा बयान, कहा - जो भी भेदभाव का कारण बने, उसे खत्म कर दो - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

RSS प्रमुख मोहन भागवत का जाति व्यवस्था पर बड़ा बयान, कहा – जो भी भेदभाव का कारण बने, उसे खत्म कर दो

आरएसएस अध्यक्ष मोहन भागवत इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए है। पिछले दिनों उन्होंने बढ़ती जनसंख्या पर बयान दिया था, जबकि इस बार उन्होंने जाति व्यवस्था पर अपनी राय साझा की है।

आरएसएस अध्यक्ष मोहन भागवत इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने हुए है। पिछले दिनों उन्होंने बढ़ती जनसंख्या पर बयान दिया था, जबकि इस बार उन्होंने जाति व्यवस्था पर अपनी राय साझा की है। भागवत महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित पुस्तक विमोचन के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बयान दिया है। उनका कहना था कि जाति व्यवस्था आम बात हो चुकी है। इसे भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। 
आरएसएस प्रमुख का अल्पसंख्यकों पर बड़ा बयान 
एक रिपोर्ट के अनुसार कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा, ‘हमें जाति व्यवस्था की अवधारणा को भूल जाना चाहिए। ये पुरानी बात हो गई है। इसके साथ ही इससे पहले आरएसएस प्रमुख ने अल्पसंख्यकों पर भी बयान देते हुए कहा था कि आरएसएस और हिन्दुओं का स्वाभाव अल्पसंख्यकों को संकट में डालना नहीं है। अल्पसंख्यकों के बीच ये बता कही जाती है कि उन्हें हमसे और हिन्दुओं से खतरा है, जबकि ऐसा नहीं है। 
हिन्दुओं पर आरएसएस प्रमुख का बयान 
वही, मोहन भागवत ने आगे बताया कि आज के समय में ऐसे हिन्दू समाज की जरूरत है, जो किसी को धमकी न दे और ना वो किसी के धमकी में आए। संघ के लोग आपसी भाईचारे, मेल-जोल और शांति के पक्ष में खड़ा होने का प्रण लेते है। जो भी भेदभाव का कारण बने, उसे खत्म कर दो। बता दें, मोहन भागवत ने इससे पहले दशहरे में भी देश में बढ़ती जनसंख्या को लेकर चिंता व्यक्त की थी। 
सभी के लिए नियम हो लागू : भागवत 
एक रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘हमें जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए एक थोड़ निति बनानी होगी। हमे लोगों को उस कानून का पालन करने के लिए तैयार कराना होगा। उन्हें इसके मायने समझाने होंगे। तब जाकर यह सफल हो सकता है। आज बढ़ती जनसंख्या की वजह से कई देश बन रहे है। जब भी किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है। इसलिए हमें जल्द इसके लिए कानून बनाना होगा, जो सभी के लिए बराबर हो। 

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