प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादस्पद तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। राष्ट्र के नाम संबोधन में बोलते हुए पीएम ने कहा कि हमारे, कृषि अर्थशास्त्रियों और कृषि वैज्ञानिकों के तमाम प्रयासों के बावजूद, हम अपने प्रयासों की ईमानदारी के बारे में किसानों के एक वर्ग को समझाने में विफल रहे। प्रधानमंत्री मोदी की इसी बात को दोहराते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून चाहें जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते। जब कहीं से आवाज़ उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी, बातचीत से, संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे।
तीनों कृषि कानून रद्द लेकिन खत्म नहीं होगा ‘आंदोलन’, टिकैत बोले-उस दिन का करेंगे इंतजार जब………
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, जब किसान संगठन 3 कृषि कानून के विरोध में आए थे तब सरकार ने हर स्तर पर संवाद का प्रयास किया, हो सकता है कि हमारे स्तर पर कमी रही हो कि हमने अपनी बात उन किसानों को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे जिसके कारण उनको आंदोलन का रास्ता लेना पड़ा।
बता दें कि मोदी सरकार पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लाई थी। लेकिन कई किसान संगठन इन कानूनों का लगातार विरोध कर रहे थे। 26 नवंबर को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को एक वर्ष पूरा होने वाला था।किसान संगठनों के इस आंदोलन को कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों का पूर्ण रूप से समर्थन मिल रहा था।