22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। राम लला के आने की धूम देशभर में देखी गई। वहीं, 22 जनवरी के बाद से राम लला के दर्शन करने के लिए लोगों को जमावड़ा देखने को मिला था जिस कारण राम मंदिर के निर्माण कार्य को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था लेकिन अब मंदिर का निर्माण कार्य 10 फरवरी से शुरू होने वाला है।
राममंदिर के उद्घाटन के बाद पहली बार मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। इसमें निर्माण कार्यों को गति देने पर चर्चा हुई। बैठक में रामनवमी के पहले यात्रियों की सुविधा व सुगम दर्शन से जुड़े सारे काम पूरा करने पर मंथन किया गया। साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी के चलते 15 जनवरी से मंदिर के रुके निर्माण कार्य को शुरू करने का निर्णय किया गया।
जल्द कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा, “मंदिर में अब निर्माण कार्य पुन: शुरू होना है। जो परिक्रमा की दीवार है उस कार्य को भी पूरा किया जाएगा। प्रथम और द्वितीय तल पर राजा राम का दरबार होगा। उस कार्य को तत्काल प्रारंभ किया जाएगा जो वर्ष 2024 में दिसंबर तक पूर्ण होगा”।
उन्होंने कहा कि एक बार फिर से मंदिर में निर्माण कार्य शुरू हो रहा है। परकोटा का काम पूरा होना है, 795 मीटर की परिक्रमा दीवार का काम पूरा होगा। इसके अलावा मंदिर के निचले चबूतरे पर आइकनाग्रफी का काम भी शुरू किया जाएगा।
वहीं, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के भूतल के खंभों पर देवी देवताओं की मूर्तियां उकेरने का काम पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रख कर एलऐंडटी निर्माण का शेड्यूल तैयार करेगी। मंदिर के निर्माण में और तेजी लाई जाएगी। प्रथम तल जहां प्रभु राम दरबार को स्थापित किया जाना है उसे तेजी से पूरा किया जाएगा। प्रथम तल का स्ट्रक्चर खड़ा है, अब इसमें केवल 10 फीसदी काम पूरा करना है।
दर्शन के बीच सुरक्षा
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक बैठक में मंदिर निर्माण शुरू करने के पहले अब कैसा इंतजाम करना होगा। इस पर भी गंभीर चर्चा की गई। मंदिर में दर्शन चलता रहे ऐसे में बैरीकेडिंग व निर्माण को लेकर सुरक्षा पर जोर दिया गया। मंदिर में स्थाई लाइटिंग, श्रद्धालुओं के आवागमन, यात्री सुविधा केंद्र आदि के काम को प्रायरिटी पर पूरा करने पर जोर दिया गया। जिससे चैत रामनवमी मेला में भारी भीड़ दर्शन के लिए पहुंचे तो दशनार्थियों को किसी तरह से दिक्कत का सामना न करना पड़े।
सप्त मंडपम में सात मंदिर
बता दें, जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडपम की भी परिकल्पना जल्द साकार होगी। परिसर में एक बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के छोटे-छोटे मंदिर होंगे।
दिन में 6 बार मंदिर में आरती
राम मंदिर, जिसे अब ‘बालक राम मंदिर’ के नाम से जाना जाता है, में दिन में छह बार ‘आरती’ की जाएगी। सोमवार को भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद उनकी पूजा और आरती में भी बदलाव होने जा रहा है। पूरी विधि को व्यवस्थित कर दिया गया है।