इस साल कब हैं होली, लोगों को हो रही उलझन, जाने सही जानकारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

इस साल कब हैं होली, लोगों को हो रही उलझन, जाने सही जानकारी

होली का त्यौहार देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि इस बार होली कब मनाया जाएगा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त? नहीं पता है तो आप ख़बर को पूरा पढ़ें। होली का त्यौहार प्रतिवर्ष फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है

होली का त्यौहार देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि इस बार होली कब मनाया जाएगा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त? नहीं पता है तो आप ख़बर को पूरा पढ़ें। होली का त्यौहार प्रतिवर्ष फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है होली मनाने के दो चरण होते हैं पहले दिन रात को होलिका दहन किया जाता है वहीं दूसरे दिन रंगों और गुलालो के साथ होली खेली जाती है। काफी धूमधाम तरीके से होली खेली जाती है होली के दिन घर में अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है अपने और सभी के साथ हर्ष-उल्लाश से इसकी समाप्ति होती है|  
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पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन की शुरूआत हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के अग्नि दहन से हुई थी जिस चलते होलिका दहन किया जाने लगा और अगले दिन रंगों से होली खेली गई लेकिन इस साल लोगों की काफी ज्यादा उलझनों का सामना करना पड़ रहा है क्योकि ज्यादातर को ये नहीं पता है की होली कब है| इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार सात मार्च को होलिका दहन किया जाएगा आठ मार्च के दिन होली मनाई जाएगी| होलिका दहन या होली का शुभ मुहूर्त लगभग शाम के 6:30 बजे से शुरू होकर रात के 8:00 बजे तक बताया जा रहा है वहीं इस समय में अगर होलिका दहन किया जाता है तो वह काफी शुभ माना जाएगा। 
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होली से एक दिन पहले होलिका को जलाने की प्रथा पूरे देश में है लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है? तो आपको बता दें कि होलिका का दहन इस कारण क्या जाता है क्योंकि एक राजा था जिसका नाम हिरणकश्यप था राजा का पुत्र पहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था| राजा को यही बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी| क्योंकि वह अपने आप को सर्वशक्तिमान और अपने आप को ही भगवान समझता था। 
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अपने पुत्र को मारने के लिए अपनी बहन होलिका के गोद में आ के ऊपर बैठा दिया होलिका को वरदान मिला हुआ था कि वह कभी नहीं जल सकती है लेकिन होलिका जल गई और पहलाद बच गया| इसी ख़ुशी के कारण अगले दिन होली का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

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