बन जाएंगे पाप के भागीदार अगर देवउठनी एकादशी के दिन किये ये काम - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

बन जाएंगे पाप के भागीदार अगर देवउठनी एकादशी के दिन किये ये काम

14 नवंबर 2021 को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी तथा प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं। इसी दिन से चातुर्मास समाप्त होता है।

14 नवंबर 2021 को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे देवउठनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी तथा प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं। इसी दिन से चातुर्मास समाप्त होता है। पाताल लोक में निद्रालीन रहे भगवान विष्णु चार माह बाद जागते हैं और एक बार फिर से सृष्टि का कार्यभार संभाल लेते हैं। इसी दिन से शालीग्राम और तुलसी का विवाह शुरू होता है, इसी के साथ विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
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इस दिन कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। मान्यता है कि ऐसा न करने पर व्यक्ति को पाप का भागी बनना पड़ता है और मृत्यु के बाद यमराज का प्रकोप सहना पड़ता है।
1. देवउठनी एकादशी के दिन नारायण के साथ तुलसी पूजन भी किया जाता है। तुलसी का विवाह शालीग्राम के साथ कराया जाता है। ऐसे में भूलकर भी तुलसी का पत्ता तोड़ने की गलती न करें।
2. देवोत्थान एकादशी के दिन सात्विक जीवन जीना चाहिए। अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं, तो भी इस दिन साधारण भोजन करें। प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें।
3. शास्त्रों में किसी भी एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही है। देवउठनी एकादशी को सबसे बड़ी एकादशी माना जाता है। इस​ दिन भूलकर भी ऐसी गलती न करें।
4. मान्यता है कि नारायण की विशेष पूजा के दिन घर का माहौल खराब करने से माता लक्ष्मी को क्रोध आता है औ वे रुष्ट हो सकती हैं।इसलिए अपने घर में शांति पूर्ण माहौल बनाकर रखें। 
5. इस दिन ज्यादा से ज्यादा नारायण के मंत्रों का जाप करें। गीता का पाठ करें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवान के भजन, सत्यनारायण की कथा आदि करना चाहिए। एकादशी का दिन बहुत खास दिन होता है कोशिश करें की इस दिन दोपहर में सोने से बचें।

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