शिखर सम्मेलन दौरान सैन्य संचार बहाली पर सहमत हुए अमेरिका और चीन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

शिखर सम्मेलन दौरान सैन्य संचार बहाली पर सहमत हुए अमेरिका और चीन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने तनावपूर्ण संबंधों के दौर के बाद कामकाजी संबंध स्थापित करने के लिए चार घंटे की मुलाकात के दौरान उच्च स्तरीय सैन्य संचार, मादक द्रव्य विरोधी सहयोग और कृत्रिम मेधा पर चर्चा फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों नेताओं की मुलाकात सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन से इतर हुई। लगभग एक वर्ष से अधिक समय बाद यह व्यक्तिगत बैठक सैन फ्रांसिस्को से लगभग 40 किमी दूर दक्षिण में ‘फिलोली एस्टेट’ में हुई। बैठक के बाद बाइडेन ने कहा, ‘‘हम खुलकर और स्पष्ट संचार के रास्ते पर लौट आए हैं।”

अमेरिका-चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की
उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा, ‘‘क्या जरूरी है और क्या नहीं है, क्या हानिकारिक है और क्या संतोषजनक है, यह सब कुछ निर्धारित करने के लिए यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। अमेरिका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा जारी रखेगा, लेकिन हम इस प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी के साथ जारी रखेंगे, ताकि यह किसी विवाद में न बदल जाए।” बाइडन ने कहा कि जब दोनों पक्षों में बातचीत नहीं होती है तो ‘‘मतभेद बढ़ जाते” हैं, ऐसे में अब दोनों राष्ट्रपतियों को ‘‘एक दूसरे का फोन उठाकर सीधे तौर पर एक दूसरे की बात सुननी चाहिए।” पिछले साल तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने सैन्य संचार बंद कर दिया था।उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा, ‘‘क्या जरूरी है और क्या नहीं है, क्या हानिकारिक है और क्या संतोषजनक है, यह सब कुछ निर्धारित करने के लिए यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। अमेरिका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा जारी रखेगा, लेकिन हम इस प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी के साथ जारी रखेंगे, ताकि यह किसी विवाद में न बदल जाए।” बाइडन ने कहा कि जब दोनों पक्षों में बातचीत नहीं होती है तो ‘‘मतभेद बढ़ जाते” हैं, ऐसे में अब दोनों राष्ट्रपतियों को ‘‘एक दूसरे का फोन उठाकर सीधे तौर पर एक दूसरे की बात सुननी चाहिए।” पिछले साल तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने सैन्य संचार बंद कर दिया था। बीजिंग स्व-शासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक इस पर अधिकार स्थापित करने की धमकी देता है। बाइडन ने कहा कि हालांकि, उनके बीच कई मतभेद थे, लेकिन शी ‘‘अपनी बात को लेकर स्पष्ट रहे। ” उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत ‘‘हमारी अब तक की सबसे रचनात्मक और लाभकारी चर्चाओं में से एक है।

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