यूक्रेन के बाद ताइवान में होगी जंग? चीन ने अमेरिका को कड़े लहजे में दी चेतावनी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

यूक्रेन के बाद ताइवान में होगी जंग? चीन ने अमेरिका को कड़े लहजे में दी चेतावनी

दुनिया में जहां एक तरफ रूस द्वारा यूक्रेन के बीच हिंसक युद्ध हो रहा है। तो वहीं, दूसरी तरफ चीन भी अपनी चाल चलता हुआ दिख रहा है। चीन ने एक बार फिर ताइवान को लेकर अमेरिका को लताड़ा है।

दुनिया में जहां एक तरफ रूस द्वारा यूक्रेन के बीच हिंसक युद्ध हो रहा है। तो वहीं, दूसरी तरफ चीन भी अपनी चाल चलता हुआ दिख रहा है। चीन ने एक बार फिर ताइवान को लेकर अमेरिका को लताड़ा है। जो बाइडेन सरकार की रक्षा टीम के ताइवान पहुंचने के बाद चीन ने अमेरिका को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि अमेरिका ताइवान की आजादी के लिए समर्थन दिखाने के लिए अपने कोशिशों के लिए भारी कीमत चुकाएगा। 
चीन ताइवान पर हमला कर उसे कब्जाने की कोशिश कर सकता है 
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जिस तरह रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है, उसी तरह से चीन ताइवान पर हमला कर उसे कब्जाने की कोशिश कर सकता है। एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका के पूर्व जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ माइक एडमिरल (रिटायर्ड)  मुलेन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा है। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया है। मुलेन की यात्रा के अलावा पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी ताइवान पहुंच रहे हैं। मुलेन और पोम्पिओ दोनों ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मिलने वाले हैं। 
चीन ताइवान पर अपना पूर्व अधिकार जताता है  
आपको बता दें कि चीन अमेरिका के साथ ताइवान के बढ़ते संबंधों को लेकर काफी समय से चिंतित है। चीन ताइवान पर अपना पूर्व अधिकार जताता है हालांकि ताइवान के लोग ऐसा नहीं मानते हैं। हाल के महीनों में चीन ने ताइवानी वायु रक्षा क्षेत्रों में सैकड़ों लड़ाकू विमानों को भेजा है। इसके साथ ही चीन ने ताइवान को लेकर अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर रहा है। 
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि 
अमेरिकी अधिकारियों की ताइवान यात्रा को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा है कि चीनी लोग राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ हैं। अमेरिका द्वारा ताइवान को समर्थन दिखाने का प्रयास व्यर्थ होगा चाहे उसने किसी को भी भेजा हो। चीन अमेरिका से एक-चीन सिद्धांत का पालन करने की अपील करता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे।

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