इस समय खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा और भारत के बीच पैदा हुआ तनाव अब समाज में भी कड़वाहट पैदा कर रहा है। बता दें जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए हत्या के आरोपों के बाद खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी है।धमकी के बाद से हिंदू समुदाय के लोगों में घबराहट का माहौल है।
अभिव्यक्ति की आजादी को भी कुचलने का पक्ष
आपको बता दें एक वायरल में वीडियो में हरदीप निज्जर का करीबी और खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को कहते सुना जा सकता है, ‘भारतीय हिंदुओं कनाडा छोड़ दो। भारत वापस जाओ।’उसने कहा, ‘आप लोग न सिर्फ भारत को सपोर्ट करते हैं, बल्कि खालिस्तान समर्थक सिखों की अभिव्यक्ति की आजादी को भी कुचलने का पक्ष लेते हैं।’ यही नहीं उसने कहा कि हिंदुओं ने खालिस्तानी निज्जर के माने जाने पर सेलिब्रेशन किया और इससे हिंसा को बढ़ावा मिला। इस वीडियो ने कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के हिंदुओं में डर पैदा कर दिया है। कनाडा में एक हिंदू संगठन के प्रवक्ता विजय जैन ने कहा. ‘अब हम देख रहे हैं कि हिंदूफोबिया बढ़ गया है।’ उन्होंने जस्टिन ट्रूडो के बयान पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें डर है कि अब जो माहौल बन गया है, उसमें कनाडाई हिंदुओं के जीवन पर भी खतरा हो सकता है। जैसे 1985 में हुआ था।
Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannu is threatening Hindus living in Canada to leave Canada. Today, some Canadian politicians have given shelter & protection to these Khalistanis, but in the future, these Khalistani will become the biggest threat to the citizens of Canada. pic.twitter.com/l4aImAjqOB
— ShriRaj Tripuute (@ShriRajTripuute) September 19, 2023
खालिस्तानी आतंकियों ने 23 जून, 1985 को हमला कर दिया था
दरअसल, 1985 में एयर इंडिया के प्लेन पर बमबारी का जिक्र कर रहे थे। वह फ्लाइट मॉन्ट्रिएल से लंदन के लिए रवाना हुई थी और उस पर खालिस्तानी आतंकियों ने 23 जून, 1985 को हमला कर दिया था। इस घटना में 307 यात्री और 22 क्रू मेंबर मारे गए थे। कनाडा के इतिहास में इसे आतंकवाद की सबसे बड़ी घटना माना जाता है। यही नहीं पूरी दुनिया में माना जाता है कि 9/11 के हमले के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा अटैक था। इस दिन को कनाडा में आज भी आतंकी हमले की याद के तौर पर मनाया जाता है और पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाती है।