मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी पाकिस्तान में गिरफ्तार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी पाकिस्तान में गिरफ्तार

सूत्रों ने बताया कि लखवी को आतंकवादियों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से एक डिस्पेंसरी चलाने और धन जुटाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। उसे सीटीडी द्वारा एक खुफिया आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) के माध्यम से गिरफ्तार किया गया है।

पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक अधिकारियों ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को गिरफ्तार कर लिया है। जमात-उद-दावा (जेयूडी) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक अधिकारियों ने 26/11 के मुंबई हमलों का षड्यंत्रकारी और लश्कर के मौजूदा सर्वोच्च कमांडर को अपनी गिरफ्तर में ले लिया है।
लखवी को पंजाब प्रांत के आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने गिरफ्तार किया है, जिसने धन शोधन और आतंकवादी वित्त पोषण के आरोपों में जेयूडी प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ पहले से ही दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज कर रखे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, लखवी को अलग-अलग व्यवसायों के माध्यम से आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाने का दोषी पाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि लखवी को आतंकवादियों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से एक डिस्पेंसरी चलाने और धन जुटाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। उसे सीटीडी द्वारा एक खुफिया आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) के माध्यम से गिरफ्तार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के अभियोजित व्यक्तियों की सूची में लखवी का नाम भी मौजूद है। वह सईद का करीबी माना जाता है जेयूडी के साथ ही एलईटी के विभिन्न अभियानों में शामिल रहा है।
सीटीडी द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, लखवी को आतंकवादी वित्तपोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके मामले की सुनवाई अब लाहौर में आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) में होगी। हालांकि, पाकिस्तान का यह कदम दिखावे की कार्रवाई अधिक लगता है। इसकी वजह यह है कि अगले महीने फाइनेंशियल टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक होने वाली है। पाकिस्तान लंबे वक्त से ग्रे लिस्ट में है। पिछली बैठक नवंबर में हुई थी। तब पाकिस्तान की सरकार ने जो रिपोर्ट पेश की थी, उससे एफएटीएफ संतुष्ट नहीं था।
संगठन ने तब कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने अब भी कई शर्तों को पूरा नहीं किया है और आंतकी वित्त पोषण पर जो भी कार्रवाई की गई है, उसके सबूत देने होंगे। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई इसी दबाव के चलते और एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए की गई है।

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