पंजाब की अमरिंदर सरकार की मुश्किलें इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ती दिख रही है, जहां एक ओर अपने ही नेता उन्हें निशाने पर लिए हुए है। तो वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया है कि पिछले चार साल से राज्य सरकार द्वारा राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी)) को कम से कम 380 रूपये प्रति कि्वंटल करने से इंकार करने के कारण गन्ना उत्पादकों को हुए नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए।
उन्होंने पराली जलाने के कारण किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापिस लिये जाने की मांग की। बादल ने आज कहा कि कांग्रेस सरकार ने चार सालों से हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तुलना में कम एसएपी) के कारण हुए एक हजार करोड़ रूपये के नुकसान की भरपाई नहीं की है लेकिन शिअद-बसपा गठबंधन के सत्ता में आने पर गन्ना एसएपी) को न्यूनतम 380 रूपये प्रति कि्वंटल तक बढ़एगी।
उन्होंने गन्ना उत्पादकों को आश्वासन दिया कि शिअद-बसपा सरकार पड़ोसी राज्यों की तुलना में गन्ने का रेट या इससे भी अधिक दरें प्रदान करेगी। उन्होने उत्पादकों को गन्ना के बकाए का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र बनाने का आश्वासन दिया।
बादल ने भी गिदडबाहा हलके से हरदीप सिंह ढ़ल्लों को अपना उम्मीदवार घोषित करते हुए कहा कि दूध, सब्जियों और फलों के अलावा तिलहन और दाल के लिए एमएसपी देना भूल जाइए, चार साल से गन्ने के लिए एसएपी) नही बढ़या है। यही कारण है कि हम गेंहू-धान चक्र से बाहर आने में विफल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि पंजाब के इतिहास में कभी भी राज्य ने इस तरह के बेपरवाह और असंवेदनशील मुख्यमंत्री को नहीं देखा है।