राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए दावा किया कि पार्टी द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए ‘लव जिहाद’ शब्द का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, विवाह पर अंकुश लगाने के लिए कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और किसी भी कानून की अदालत में खड़ा नहीं होगा।
यह टिप्पणी अशोक गहलोत ने तब की जब बीजेपी की तरफ से कहा गया है कि वह विधानसभा के अगले सत्र में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून लाएंगे, जिसमें दोषियों को 5 साल के कठोर कारावास की सजा होगी। सीएम गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा कि “लव जिहाद भाजपा द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है। विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और यह किसी भी कानून की अदालत में खड़ा नहीं होगा। प्यार में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।”
एक अन्य ट्वीट में सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा वयस्कों की सहमति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता छीन रही है। उन्होंने लिखा, “वे राष्ट्र में एक ऐसा माहौल बना रहे हैं, जिसमें सहमति देने वाले वयस्क राज्य शक्ति की दया पर होंगे। विवाह एक व्यक्तिगत निर्णय है और वे इस पर अंकुश लगा रहे हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने जैसा है।” इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि “यह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, सामाजिक विवाद और राज्य में किसी भी आधार पर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं करने जैसे संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना करने के लिए एक चाल है।”
बता दें कि मंगलवार को सांसद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्य विधानसभा में धर्म स्वतंत्रता विधेयक, 2020 पेश करेगा। मंत्री ने कहा, “हम मध्य प्रदेश में धर्म बिल 2020 के स्वतंत्रता विधेयक को पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। यह 5 साल के कठोर कारावास का प्रावधान करेगा। हम यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि ऐसे अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए।”