पटना : बिहार विधान मंडल में शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद पत्रकारों से मुखातिब होते हुए प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री विपक्ष के सवालों के जवाब नहीं दे पाये। इतना ही नहीं ये सदन से भी गायब रहे। इससे स्पष्ट हो गया है कि इन्हीं लोगों के इशारे पर राज्य में अपराधिक घटनाएं शेल्टर होम में बलात्कार का मामला हो, अस्पताल मे मारपीट की घटना, अल्पसंख्यकों पर घटनाएं घट रही है उन्हीं के इशारे पर हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खुद ही आपराधिक घटनाएं कोर्ट में चल रही है। उसका कहीं न्यूज पेपर या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सुर्खी नहीं बन रहाहै। लेकिन मेरे भाई तेजप्रताप यादव की पारिवारिक घटना है उस पर पेपरों में हाई लाईट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद ही अपराधिक मामले में फंसे हैं इसलिए वे अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं।
पूरे सत्र में एक बात क्षण कर आयी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं सीबीआई के पदाधिकारियों ने मिलकर उनके पिताजी पर एक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाया है। वे सदन में विपक्ष का एक दिन भी सामना नहीं कर पाये। राज्य में दो-दो बड़े घोटाले सामने आये हैं लेकिन उस पर किसी का ध्यान नहीं गया। इन सभी मामले को लेकर हम जनता के अदालत में जायेंगे और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के कारनामे को बेनकाब करेंगे। सदन में ही जदयू के कुछ विधान पार्षदों ने कहा कि सीतामढ़ी के घटनाओं में रफा-दफा हो गया है। यह सरकार घटनाओं पर रफा-दफा ही कर रही है एक भी निदान नहीं हो पा रहा है विकास का कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है और मुख्यमंत्री जी अब मुख्यमंत्री बनना नहीं चाह हैं केवल अपने चहेतों को बचाना चाह रहे हैं।