नई दिल्ली : फिल्मिस्तान मे्ं इलाके की जिस इमारत में आग लगी थी उस इमारत की थ्री-डाइमेंशनल स्टडी करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम 3-डी लेजर स्कैनिंग करा रही है। इस तकनीक के माध्यम से हादसे वाली पूरी इमारत की खास थ्री-डी तस्वीर तैयार की जाएगी, जिससे जांच के दौरान कई बातों को जानने में पुलिस टीम को काफी मदद मिलेगी।
यह जानना भी आसान हो जाएगा कि हादसे के पीछे असली वजह क्या थी और किन अन्य कारणों से हादसे के दौरान इतने लोगों की मौत हुई। इस तकनीक का भारत में पहली बार इस्तेमाल इसी वर्ष 12 फरवरी 2019 को अर्पित होटल में लगी आग की जांच के दौरान किया गया था। जांच में तकनीक का इस्तेमाल काफी मददगार रहा था।
क्या है तकनीक…
3-डी लेजर स्कैनिंग करने वाले स्कैनर को ऑपरेट करने वाले इंजीनियर अमित जोशी ने बताया कि मशीन को 3-डी लेजर स्कैनर कहते हैं। इस मशीन से निकलने वाली लेजर के माध्यम से इमारत की लम्बाई, चौड़ाई, ऊंचाई, सीढ़ियों की लम्बाई, इमारत में मौजूद सामान, मशीनें, खिड़कियां, वेंटिलेशन, पास की इमारतों की दूरी आदि कई बातों का पता लगाया जाता है।
इस तकनीक के माध्यम से पूरी इमारत की 3-डी इमेज तैयार की जाएगी। जिससे जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को जरूरत-पड़ने पर बार-बार घटनास्थल के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इमेज के माध्यम से ही पुलिस टीम अपनी जांच को आगे बढ़ा पाएगी।
360 डिग्री में काम करती मशीन…
एक्सपर्ट ने बताया कि यह मशीन हॉरिजॉन्टल दिशा में 360 डिग्री तक की इमेज तैयार कर सकती है। जबकि वर्टिकली 300 डिग्री तक इस मशीन से इमेज तैयार की जा सकती है। इस मशीन की रेंज 350 मीटर तक होती है, जिससे काफी बड़े घटनास्थल की भी 3-डी स्कैनिंग कर बेहतरीन इमेज तैयार की जा सकती है।
बताया गया कि स्कैनर से तैयार की गई तस्वीरों को सालों-साल सुरक्षित रखा जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस मशीन के जरिए तैयार की गई इमेज के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। अगर किसी ने इमेज के साथ टैम्परिंग करने की कोशिश की तो वह साफ-साफ पता चल जाएगा।