शिवसेना नेता संजय राउत 102 दिनों बाद जेल से बाहर आ गए हैं। पात्रा चॉल घोटाला मामले में मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को शिवसेना नेता को जमानत दी। ED ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर 31 जुलाई को संजय राउत को गिरफ्तार किया था।
जेल से बाहर आते ही संजय राउत उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। हमने ऐसा राजनीतिक प्रतिशोध नहीं देखा। मैं किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनी, मैं उनके कुछ अच्छे फैसलों का स्वागत करता हूं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ अच्छे फैसले लिए। हमें लगता है कि राज्य को उप मुख्यमंत्री फडणवीस चला रहे हैं और वह राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं। मैं आज उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलूंगा। कुछ दिनों में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करूंगा। मैं दिल्ली में जाकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिलूंगा
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
बता दें कि 1,039 घोटाले के मामले में ईडी ने 31 जुलाई को संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन ईडी अधिकारियों ने शिवसेना नेता के कई ठिकानों पर छापा मारा गया था और इसके साथ ही परिवार से भी पूछताछ की गई थी।
इससे पहले 28 जून को एजेंसी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। संजय राउत पर आरोप है कि पात्रा चॉल मामले में 1034 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। राउत की पत्नी वर्षा राउत का नाम भी इस घोटाले से जुड़ा हुआ है। ईडी ने उन्हें भी पूछताछ के लिए समन भेजा था।
संजय राउत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के काफी नजदीकी सहयोगी माने जाते है। बताया था कि छापे के दौरान ईडी ने उनके घर से 11.50 लाख रुपये कैश जब्त किए गए है। जांच के दौरान पता चला कि संजय राउत ने कैश में कई संपत्तियां खरीदी राउत ने अलीबाग में जमीन की खरीदने के दौरान नकदी का इस्तेमाल किया हैं। जिसका पता कुछ विक्रेताओं ने की है। यह धन राशि आरोपी राकेश वधावन, सारंग वधावन और प्रवीण राउत द्वारा डायवर्ट की गई अपराध से हासिल की गई है।