उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। पौड़ी के एक रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित रूप से उसके रिजॉर्ट संचालक नियोक्ता ने हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी।
धामी ने कहा कि मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की जा रही है और निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है।
बता दें, अंकिता के परिवार वालों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी के सामने अपनी कुछ मांगें रखी थीं। ये है वो शर्ते……
- परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
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गांव मल्ली से बरमुंडी तक की सड़क का नाम अंकिता के नाम पर रखा जाए।
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सार्वजनिक स्थान पर अंकिता के नाम पर स्मारक बनाया जाए।
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परिवार में एक व्यक्ति को नौकरी दी जानी चाहिए।
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जिस रिसॉर्ट में अंकिता काम करती थी, उसके नाम से एक मॉडल स्कूल खोला जाए।
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‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अंकिता के नाम पर अवॉर्ड होना चाहिए।
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पुलकित आर्य के भाई और पिता को जांच पूरी होने तक हिरासत में रखा जाए।
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बेटी के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जानी चाहिए।
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्यरत अंकिता की रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के साथ मिलकर ऋषिकेश के निकट चीला नहर में कथित रूप से धकेलकर हत्या कर दी थी। पुलकित हरिद्वार के पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता विनोद आर्य का पुत्र है जो पूर्व में दर्जाधारी राज्य मंत्री रह चुके हैं। घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।