देश में मंकीपॉक्स वायरस ने दस्क दे दी हैं। जिसके चलते सरकार अलर्ट मोड पर आ गई हैं। क्योंकि कुछ दिन पहले केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था और आज यूपी में भी इस वायरस की पुष्टि हो गई है, जो कि देश के लिए एक घातक बिमारी के रूप में व्यतीत हो सकती हैं। इसी वायरस को लेकर अहमदाबाद में सरकार ने अपनी पैनी नजर इन वायरस पर बना ली हैं। वहीं, असरवा में सिविल अस्पताल (एसीएच) ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए आठ बेड का आइसोलेशन वार्ड खोलकर एक उदाहरण पेश किया हैं। हालांकि, सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि यह बिमारी भी कोविड के समान है और इसे अभी से हल्के में न लें।
मंकीपॉक्स को लकेर प्रशासन हुआ सख्त
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. भाविन सोलंकी, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, एएमसी ने कहा, “अभी तक किसी भी मामले का पता नहीं चला है लेकिन हमने सिविल अस्पताल में आइसोलेशन के लिए वार्ड बनाकर रखा है. यदि कोई मामला आता है तो हम पालन की जाने वाली प्रक्रियाओं को देखेंगे.” राकेश जोशी ने कहा, “आइसोलेशन वार्ड चौथी मंजिल पर है जहां ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है.”।
उत्तर प्रदेश में भी हुई मंकीपॉक्स की पुष्टि
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के औरैया जिले से मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। संदिग्ध मरीज के नमूने आगे की जांच के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ भेज दिए गए हैं और संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल से डॉक्टर सरफराज को सैंपल लेने के लिए बिधूना भेजा।संदिग्ध रोगी महिला बिधूना तहसील में रहती है और पिछले एक सप्ताह से बुखार और अन्य चेचक जैसे लक्षणों से पीड़ित थी।