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झारखंड HC ने JPSC की छठी मेरिट लिस्ट को किया रद्द, 8 हफ्ते में नई लिस्ट जारी करने का दिया आदेश

झारखंड उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को आठ हफ्तों के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का भी आदेश दिया है।

झारखंड उच्च न्यायालय ने छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा मेरिट लिस्ट को रद्द करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को आठ हफ्तों के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का भी आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी को लेकर 16 मामलों की सुनवाई हो रही थी। 
एकलपीठ सभी याचिकाओं को चार श्रेणियों में बांट कर सुनवाई कर रहा था और पिछले दिनों सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और सोमवार को फैसला सुनाया। अदालत ने जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करने से इंकार करते हुए इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दी। हाईकोर्ट में रहाल कुमार और दिलीप कुमार सिंह अन्य प्रार्थियों की ओर से दायर याचिका में अलग-अलग बिन्दु उठाए गए हैं। 
इसमें कहा गया है कि जेपीएससी ने अंतिम रिजल्ट जारी करने में नियमों की अनदेखी की है। क्वालिफाइंग मार्क्स में कुल प्राप्तांक को जोड़ जाने को गलत बताया। प्रार्थियों का कहना है कि छठी जेपीएससी परीक्षा के पेपर वन (हिन्दी-अंग्रेजी) के क्वालिफाइंग अंक को कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया गया, जबकि विज्ञापन की शर्ता के अनुसार अभ्यर्थियों को पेपर वन में सिर्फ क्वालिफाइंग अंक लाना था और इसे कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ जाना था। 
इसके अलावा आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को गलत कैडर देने के आरोप से जुड़ याचिका भी कोर्ट में दाखिल की गई थी। कुछ प्रार्थियों ने आरक्षण नियम के उल्लंघन का मामला भी उठाया था। पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ताओं ने जेपीएससी द्वारा जारी किए गए अंतिम परिणाम में कई खामियां बताई थी, जबकि जेपीएससी के अधिवक्ता ने पूरी प्रक्रिया को नियमसंगत बताया था। गौरतलब है कि छठी जेपीएससी परीक्षा का अंतिम रिजल्ट पिछले वर्ष अप्रैल में आया था और अधिकारियों की पोसि्टंग भी हो चुकी है।

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