छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुईया उइके ने विधायकों से राज्य सरकार की विकासपरक जनहितकारी नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों, अभियानों में सक्रिय भागादारी निभाने और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मददगार बनने की अपील की है।
उइके ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के शुभारंभ के मौके पर अपने अभिभाषण में कहा कि बीता वर्ष अनेक चुनौतियों से भरा था। रोज़ खाने कमाने वाले परिवारों को भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय,प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उऩका पुनर्वास,कोरोना संक्रमण से बचाव और आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति को बनाए रखने की चुनौतियों के बीच सरकार इन सभी मोर्चे पर खरी उतरी और प्रदेश कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका।
उन्होने कोरोना काल में 67 लाख से अधिक राशनकार्ड धारियों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाने, गावों में खाद्य सुरक्षा के लिए दो-दो कि्वंटल चावल रखे जाने तथा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में 51 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रो के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को रेडी टू ईट पोषण साम्रगी दिए जाने का उल्लेख करते हुए उनकी सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है।
इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख किसान पंजीकृत हुए थे जिनमें से 20 लाख 53 हजार से अधिक किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा।इस बार रिकार्ड मात्रा 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की गई। इस वर्ष रिकार्ड 4755 करोड़ रूपए के ब्याज मुक्त ऋण वितरण का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि राज्य में 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा चुके है।
प्राथमिक कृषि साख समितियों का पुनर्गठन कर 725 नई समितियां पंजीकृत की गई है,जिससे राज्य में समितियों की संख्या बढ़कर 2058 हो गई है। उन्होने कहा कि गन्ना आधारित इथेनाल संयंत्र लगाया जा रहा है,वहीं धान आधारित इथेनाल संयंत्र लगाने की उऩकी सरकार ने पहल की है।उन्होने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली अलग अलग फसलों का वैल्यू एडीशन हो,इसके लिए प्रत्येक विकास खण्ड में फूड पार्क एवं वनोंपज प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना की जा रही है।