महाराष्ट्र सरकार ने अपनी तरह के पहले कदम में मुंबई और पुणे नगर में 918 ऐसे ऑटो चालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है जिन्होंने मुसाफिरों को ले जाने से मना कर दिया था। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक जाली दस्तावेज जमा करने जैसे अपराधों पर लाइसेंस रद्द होते थे लेकिन मुसाफिरों को कहीं ले जाने से मना करने पर ऐसा कदम पहली बार उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने ने हाल ही में एक मुहिम चलाई जिसमें बीते कुछ महीनों में मुंबई और ठाणे में 918 ऑटो रिक्शा चालकों के लाइसेंस वापस ले लिए गए। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तानाजी चव्हाण ने बताया कि लाइसेंस देने की प्रणाली पूरी तरह से ऑन लाइन है जिसके चलते ये चालक किसी दूसरे तरीके से लाइसेंस दोबारा हासिल नहीं कर पायेंगें।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विभिन्न यातायात नियम तोड़ने के आरोप में बीते छह महीनों में 12,342 ऑटो चालकों के लाइसेंस निलंबित किए गए। उधर मुंबई ऑटो-रिक्शा मेंस यूनियन के नेता शशांक राव ने कहा है कि प्रशासन को पहली बार कानून तोड़ने वालों के प्रति नरमी से पेश आना चाहिए। राव ने कहा कि वह यह भी कहना चाहेंगे कि ये सभी मामले निष्पक्ष नहीं हैं। हम पहले भी ऐसे मामले जीत चुके हैं। हम आरटीओ के पास अपना पक्ष रखेंगे।