तमिलनाडु में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। राज्य में हर दिन कोरोना से संक्रमितों और मृतकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यहा पर शनिवार को कोविड-19 संक्रमण के मामलों का आंकड़ा एक लाख के पार चला गया। देश में महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है।
राज्य सरकार का कहना है कि जांच की संख्या बढ़ा दी गई है और इस बढ़ती संख्या के पीछे के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।दक्षिण भारत के इस राज्य में शुक्रवार को कोविड-19 के मामलों की संख्या 1,02,721 हो गई जिनमें से 1,385 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 58,378 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं। राज्य में इस संक्रमण से ठीक होने की दर 57 प्रतिशत है।
राज्य में अब तक कुल 12.70 लाख नमूनों की जांच की गई है। राज्य में संक्रमण के कारण होने वाली मृत्यु दर 1.3 प्रतिशत है।राज्य में संक्रमित लोगों में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के के पी अनबलगन भी शामिल हैं। द्रमुक नेता जे अनबाजगन की इस संक्रमण से जून के पहले सप्ताह में मौत हो गई। चेन्नई में कोविड-19 के सर्वाधिक 64,689 मामले सामने आए हैं।
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राज्य सरकार का कहना है कि शहर का जनसंख्या घनत्व महामारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण है। वर्तमान में चेन्नई में 158 संक्रमण से प्रभावित क्षेत्र हैं। राज्य में संक्रमण के मामलों में दिन-ब-दिन बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है लेकिन राज्य सरकार ने लोगों से महामारी को लेकर नहीं घबराने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, “मामलों में वृद्धि से घबराने की जरुरत नहीं है और चेन्नई की झुग्गियों की मुंबई की बस्तियों से तुलना करने की जरुरत नहीं है।”‘‘मुख्यमंत्री की आक्रामक और बढ़ती जांच रणनीति के कारण मामलों में वृद्धि हुई है। राज्य सरकार का ध्यान मौत की घटनाओं पर नियंत्रण करना है।”उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर 1.3 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 2.9 प्रतिशत की तुलना में कम है।