हल्द्वानी : प्रदेश सरकार की पिरूल नीति 2018 के तहत पिरूल से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस नीति के अन्तर्गत जनपद के पर्वतीय इलाकों में चीड़ की पत्तियों (पिरूल) को जमा करने वालों को वन महकमें द्वारा भुगतान किया जाएगा, इससे जहां विद्युत उत्पादन होगा वहीं क्षेत्र के लोगों की आय में भी वृद्धि भी होगी। यह बात जिलाधिकारी सविन बंसल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में आयोजित बैठक में कही।
श्री बंसल ने बताया कि राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 6 लाख मीट्रिक टन पिरूल उपलब्ध रहता है, जिले का पर्वतीय इलाका चीड़ के वृक्षों से आच्छादित है, ऐसे में जनपद में भी बहुतायत में पिरूल मिलता है। ग्रीष्म काल में पिरूल वनाग्नि का कारण बनता है और काफी क्षेत्रफल में हमारे वन एवं वन सम्पदा, वन्य जीव व जन सामान्य प्रभावित होता है। ऐसे में यदि स्थानीय स्तर पर पिरूल संग्रह किया जाए और उसे बिक्री के लिए वन महकमें को उपलब्ध कराये जाए तो निश्चय ही हमारे वन अग्नि की घटनाओं से बचेंगे।
श्री बंसल ने कहा कि जनपद में विद्युत उत्पादन इकाई स्थापित होने से ग्रीष्मकाल में वनों में लगने वाली आग की रोकथाम होगी तथा पिरूल एकत्रित करने से क्षेत्रवासियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने इस इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को शुरू करने वाले उद्यमियों को प्रात्साहित करने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी नियमानुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को पिरूल एकत्र करने के लिए वन क्षेत्रों का चिन्हीकरण करने, महाप्रबन्धक उद्योग को उद्यमियों को तत्काल सिंगल विण्डो सिस्टम के माध्यम से आवश्यक सुविधाएं एवं एनओसी उपलब्ध कराने, राजस्व विभाग के अधिकारियो को यूनिट स्थापित करने हेतु उद्यमियों की भूमि की पैमाइश करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व, वन, उरेडा तथा उद्योग तथा विद्युत विभाग के अधिकारियों को उद्यमियों को नियमानुसार पूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बैठक में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी संदीप भट्ट ने बताया कि जनपद में पिरूल से विद्युत उत्पादन के 25-25 किलों वाट की दो विद्युत उत्पादन यूनिटें स्वीकृत है। जिसमें उद्यमी राजीव पाठक द्वारा 25 किलो वाट की यूनिट ग्राम खैरदा में तथा दूसरी यूनिट उद्यमि खष्टी सुयाल द्वारा नथुवाखान में प्रस्तावित है। श्री बंसल ने वन एवं वन पंचायतों के कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने वन पंचायतों के माध्यम से संचालित एवं सम्पादित होने वाले महत्वपूर्ण कार्य शुरू कराने के लिए वन पंचायतों का नियमानुसार शीघ्र गठन करने के निर्देश सभी उप जिलाधिकारियों को दिए। बैठक में टीआर बीजुलाल, नितीश मणि त्रिपाठी, एम यादव, के एस टोलिया, एसएस जंगपांगी, हरगिरी, विनोद कुमार, गौरव चटवाल, विजयनाथ शुक्ल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।