भ्रष्टाचारियों की एक खासियत है कि वे भ्रष्टाचार करने के नए -नए तरीके ईजाद करते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश का सामने आया है जहाँ विधवा पेंशन के नाम पर चल रहे बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है आपको बता दे कि योगी सरकार में 1 लाख से ज्यादा विधवा पेंशन लेने वाले लाभार्थियों के आधार नंबर फर्जी निकले हैं जबकि 15 हजार विधवा पेंशनधारियों के बैंक खातों में भी गड़बड़ी का पता चला है। इसके आलवा करीब 15 हजार विधवा पेंशनधारियों के बैंक खातों में भी गड़बड़ी का पता चला है। यूपी सरकार विधवाओं को पेंशन देने का स्कीम चलाती है जिसके तहत प्रदेश के 17.5 लाख महिलाओं को मदद मिलता है।
बता दे कि सरकार विधवा पेंशन को पीएफएमएस सॉफ्टवेयर के जरिये दे रही है। लिहाजा जब वित्तीय वर्ष 2017-18 के तीसरी तिमाही के बिलों की जांच की गई तो उसमें सवा लाख आवेदन संदिग्ध मिले हैं। इनमें एक लाख आवेदन पत्र ऐसे हैं जिनके आधार नंबर गड़बड़ मिले हैं। खास यह है कि यह वह आवेदन पत्र हैं जिन्हें जिला प्रोबेशन अधिकारियों ने भरवाया है। हालांकि अभी पता नहीं चल पाया है कि इन्हें पहली व दूसरी तिमाही में पेंशन मिली थी या नहीं। इसकी भी जांच की जा रही है।
जिलों से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसमें आगे की कार्रवाई की जाएगी। 10 हजार ऐसे आवेदन पत्रों के आधार नंबर व बैंक खाते गलत मिले हैं जिन्हे लाभार्थियों ने खुद ऑनलाइन भरा था। गड़बड़ी मिलने के बाद महिला कल्याण विभाग ने इन सभी संदिग्ध लाभार्थियों की सूची मूल सूची से हटा दी है। इनकी पेंशन का भुगतान न करने के आदेश हुए हैं। जांच डीपीओ को सौंप दी गई है। हर जिले के डीपीओ को उनके यहां के संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भी भेज दी गई है। इन सभी का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
जांच डीपीओ को सौंपी जा रही है। महिला कल्याण के निदेशक राम केवल कहते हैं। विधवा पेंशन के लाभार्थियों में काफी संख्या में आधार नंबर गलत मिले हैं। इनकी जांच डीपीओ को सौंप दी गई है। बहुत से ऐसे लाभार्थी हैं जिनके बैंक एकाउंट डुप्लीकेट हैं।
अभी हाल ही में सरकार ने सभी पेंशनधारियों से अपने खाते को आधार कार्ड से जोड़ने का आदेश दिया था। इसके लिए सॉफ्टवेयर से नजर भी रखी जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विधवा पेंशन में फर्जीवाड़ा ज्यादातर सरकारी अधिकारियों के मिलीभगत से खेल चल रहा था।
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