कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र सितंबर के दूसरे हफ्ते से शुरू हो सकता है। इस बार का संसद के मानसून सत्र हर बार से अलग और विशेष होगा। अटकले लगाई जा रही है कि संसद सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही वैकल्पिक दिनों के आधार पर होगी। यानी एक दिन लोकसभा की कार्यवाही होगी तो दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी। यह कदम सामाजिक दूरी और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के मद्देनजर उठाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों सदनों की कार्यवाही वर्चुअली नहीं बल्कि फिजिकली मौजूद रहे कर ही की जाएगी। लोकसभा की कार्यवाही लोकसभा हॉल, राज्यसभा हॉल और सेंट्रल हॉल से चलने की संभावना है। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही राज्यसभा और लोकसभा हॉल और लॉबी में आयोजित की जाएगी। हालांकि अभी तक बैठने की व्यवस्था के बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इसके साथ ही सूत्रों ने ये भी बताया कि संसद के मानसून सत्र के चार हफ्ते तक चलने की उम्मीद है।
संसद के हर प्रवेश और निकास द्वार पर हैंड सैनिटाइटर उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि आनन-फानन में संसद के बजट सत्र को स्थगित कर दिया गया था। संविधान के तहत एक संसद सत्र के अंत और अगले की शुरुआत के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता।इसी वजह से मानसून सत्र शुरू करने के लिए संसद के पास आखिरी तारीख 23 सितंबर है। 23 मार्च को बजट सत्र खत्म होने से दो दिन पहले ही देश में 68 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई थी।