केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आज खुशखबरी का दिन है। क्योकि वित्त मंत्रालय ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में बदलाव के बाद सरकार की आेर से कम से 5400 रुपये का आवास भत्ता प्रदान किया जायेगा। बढ़ाए गए भत्ते इसी महीने की 1 July से देय होंगे।
सरकार के इस कदम ने केंद्रीय कर्मचारियों का इंतजार खत्म होगा लेकिन सरकारी खजाने पर 30 हजार 748 करोड़ का बोझ बढ़ेगा। सरकार ने निर्णय लिया था कि अलग-अलग शहरों में HRA X, Y और Z category के शहरों के लिए क्रमशः 5400 रुपये, 3600 रुपये और 1800 रुपये न्यूनतम होगा।
वित्त मंत्रालय की आेर से प्रकाशित भत्तों की सूची के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों को केंद्र की आेर से 3 स्लैब 5400 रुपये प्रतिमाह, 3600 रुपये प्रतिमाह आेर 1800 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि देश में 50 लाख की अधिक आबादी वाले X श्रेणी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार की आेर से करीब 30 % राशि यानी 5400 रुपये प्रति महीने की दर से आवास भत्ता दिया जायेगा। इसके साथ ही, 5 से 50 लाख तक की आबादी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को 20 % की दर से 3600 रुपये आैर 5 लाख से नीचे की आबादी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को 10 % की दर से 1800 रुपये का आवास भत्ता दिया जायेगा।
सरकार की नयी दरों के हिसाब से जब किसी सरकारी कर्मचारी का DA उसके मूल वेतन का 25 % तक पहुंचेगा। तो उसे अलग-अलग category के शहरों के लिए आवास भत्ता क्रमशः 27, 18 और 9 % की दर से मिलेगा। इसी प्रकार जब किसी सरकारी कर्मचारी का DA मूल वेतन का 50 % तक पहुंचेगा। तो उसे अलग-अलग श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता 30, 20 और 10 % की दर से मिलेगा। निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए एक फ्लोर तय किया जायेगा। उनका आवास भत्ता उसी के आधार पर तय होगा।
इससे पहले मई में ही PM मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में प्रस्तावित सैलरी और पेंशन में अहम बदलाव को मंजूरी दे दी गई थी। केन्द्र सरकार ने June 2016 में 7वें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी देते हुए केन्द्रीय बजट में 84,933 करोड़ (वित्त वर्ष 2016-17) के साथ-साथ वित्त वर्ष 2015-16 में 2 महीने के एरियर का प्रावधान कर दिया था। केन्द्रीय कैबिनेट ने वेतन, भत्ते और पेंशन में बदलावों को मंजूरी देते हुए फैसला लिया था कि किए गए बदलाव 1 January 2016 से लागू होंगे।