चंडीगढ़ : हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए बहुचर्चित मानेसर जमीन घोटाले की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अदालत में पेश हुए। दूसरी तरफ अदालत ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक अन्य आरोपी अतुल बंसल के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए।
मंगलवार को मामले में सुनवाई के दौरान जहां अन्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य पेश हुए वहीं अतुल बंसल कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। इससे कोर्ट ने अपना रुख कड़ा कर लिया और अतुल बंसल के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी कर दिए गए।
आज हुई अदालती कार्रवाई के दौरान चालान की चेकिंग पूरी होने के बाद अब सभी आरोपियों को उनके आरोप सुनाए गए। इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट में हुड्डा के अलावा एम.एल तायल, छतर सिंह, एस.एस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों का नाम आया है। मानेसर जमीन घोटाले में सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।
ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआईआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। कांग्रेस लगातार इस कारर्वाई को सियासी रंजिश का नाम दे रही है। इस मामले में आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुड?ांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी।
कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है। आज अदालत ने इस केस में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए आरोपियों की हाजरी लगाने के बाद अगली सुनवाई छह फरवरी को तय की है।
(राजेश जैन)