बिहार कैबिनेट ने आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर लगाई मुहर - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

बिहार कैबिनेट ने आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर लगाई मुहर

बिहार मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों  के लिए आरक्षण मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव मंगलवार को पारित कर दिया। बिहार विधानमंडल के सत्र के दौरान इस पर सदन में विधेयक लाया जाएगा।
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अलग-अलग वर्गों के लिए कितना होगा आरक्षण

मंगलवार को विधानसभा में पेश जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में बयान दिया। कुमार की यह घोषणा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आई है। प्रस्ताव में ओबीसी और ईबीएस के आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर संयुक्त रूप से 43 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।

जानिए जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट  में क्या आया सामने

ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण मौजूदा 10 फीसदी ही रहेगा। जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य की कुल आबादी 13.07 करोड़ है जिसमें ओबीसी (27.13 प्रतिशत) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उप-समूह (36 प्रतिशत) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है, जबकि एससी और एसटी कुल मिलाकर 21 प्रतिशत से थोड़ा अधिक हैं। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं, जिनमें से 94 लाख से अधिक (34.13 प्रतिशत) की मासिक आय 6,000 रुपये या उससे कम है।
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