बिहार (Bihar) के बच्चों का एक समूह, जिन्हें विभिन्न राज्यों के मदरसों में भेजा जा रहा था, गोरखपुर में उत्तर प्रदेश राज्य बाल आयोग द्वारा बचाया गया है। बच्चों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश पर राज्य बाल पैनल द्वारा बचाया गया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक्स पर एक पोस्ट में बच्चों के बचाव की बात साझा की।
- बिहार के कुछ बच्चों को विभिन्न राज्यों के मदरसों में भेजा जा रहा था
- बच्चों को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश राज्य बाल आयोग द्वारा बचाया गया है
NCPCR ने बाल आयोग को दिया निर्देश
बिहार से दूसरे प्रदेशों के मदरसों में भेजे जा रहे मासूम बच्चों को @NCPCR_ के निर्देश पर उत्तरप्रदेश राज्य बाल आयोग की सहायता से गोरखपुर में रेस्क्यू किया गया है।
भारत के संविधान ने हर एक बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिया है प्रत्येक बच्चे को स्कूल जाना अनिवार्य है,ऐसे में धर्म के… pic.twitter.com/SW0X5lW6gy— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) April 19, 2024
कानूनगो ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, ”बिहार से दूसरे राज्यों के मदरसों में भेजे जा रहे मासूम बच्चों को एनसीपीसीआर के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल आयोग की मदद से गोरखपुर में बचाया गया है।” उन्होंने कहा, ”भारत के संविधान ने हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिया है, हर बच्चे के लिए स्कूल जाना अनिवार्य है, ऐसे में गरीब बच्चों को दूसरे राज्यों में ले जाकर धर्म के आधार पर चंदा कमाने के लिए मदरसों में रखना यह संविधान का उल्लंघन है।”
मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को किया रद्द
राष्ट्रीय बाल पैनल के प्रमुख ने कहा, “ऐसे अपराधों को रोकने के लिए घटना की एफआईआर दर्ज करना जरूरी है, जो गोरखपुर रेलवे पुलिस ने अभी तक नहीं किया है।” इससे पहले, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च के फैसले पर रोक लगाते हुए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।