केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती की गई है : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती की गई है : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती की गई है।

पटना , (पंजाब केसरी): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती की गई है। इस बार के बजट में मनरेगा और किसान सम्मान निधि योजना की राशि घटा दी गई है, यह ठीक नहीं है। मनरेगा काफी पुरानी योजना है। यह योजना विकास के लिए काफी जरुरी है। मनरेगा के लिए 2022-23 में जो 73,000 करोड़ रुपये का प्रोविजन था अब उसे घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए 2022-23 में 68 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे घटाकर अब 60,000 करोड़ रूपये कर दिया गया है। इस तरह इस योजना में इस बार 8,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की भी राशि 2,167 करोड़ रुपये कम कर दी गई है। इसी तरह से कई योजनाओं की राशि घटा दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 600 करोड़ रुपये घटा दिये गये हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कम राशि का आवंटन किया गया है। इस तरह महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गई है। बिहार की सात निश्चय योजना की तरह ही इन लोगों ने सप्तऋषि योजना शुरु करने की बात की है। हमलोग बिहार में सात निश्चय योजना काफी पहले से चला रहे हैं। अब बिहार में सात निश्चय -2 चलाई जा रही है। सप्तऋषि योजना में कोई खास चीज नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। ग्रामीण इलाकों के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गयी है। बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। हमलोगों की डिमांड को भी नहीं माना गया है। वित्त मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक में जो मांगें रखी थीं उसे पूरा नहीं किया गया है। केंद्रीय बजट में बिहार को बहुत कुछ मिलने के भाजपा नेता श्री सुशील कुमार मोदी के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को कहां कुछ मिला है। उनके नाम पर हमसे क्यों पूछते हैं, वो तो ऐसे ही बोलते रहेंगे। कुछ से कुछ बोलते रहना ही उनकी ड्यूटी है। कुछ न कुछ बोलने से उनको कोई लाभ मिल जाय तो अच्छी बात है। जितना अनाप-शनाप बोलना हैं बोलते रहिए। पिछली बार उनको उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था तो मुझे दुख हुआ था। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं है। केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में इनलोगों ने कटौती कर दी है। हमलोग 4.5 प्रतिशत फिस्कल डेफिसीट चाह रहे थे। उसको भी इनलोगों ने नहीं बढ़ाया है। इसे 3 प्रतिशत पर ही रहने दिया गया है। ऐसा होता तो हमलोग अपने राज्य के हित में बाहर से भी कर्ज ले सकते थे लेकिन इसे बढ़ाया ही नहीं गया है। केंद्र सरकार की योजना में एक हिस्सा केंद्र सरकार का जबकि दूसरा हिस्सा राज्य सरकार का होता है। इसके कारण राज्य को अपने हित में काम करने को लेकर पैसे नहीं बचते हैं। राज्य सरकार का पैसा केंद्र सरकार की योजनाओं में खर्च हो जाता है। केंद्रीय योजनाओं में 40 प्रतिशत तक राशि राज्य सरकार के द्वारा दी जाती है। केंद्र सरकार को अपने बल पर केंद्रीय योजनाएं बनानी चाहिए। केंद्रीय योजना में नाम केंद्र का होता है जबकि पैसा राज्य सरकार का भी खर्च होता है जब केंद्रीय योजनाओं मे राज्य सरकार अपना पैसा खर्च करती है तो राज्यों को केंद्रीय मदद मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में ही खर्च हो जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि कोई राज्य अपने विकास के लिए बाहर से ऋण ले तो उसके लिए उसका लिमिट बढ़ाना चाहिए, तभी राज्यों का विकास होगा। हमलोग यही चाह रहे हैं। सभी तरह की दिक्कतों के बावजूद बिहार काफी आगे बढ़ा है। रेल बजट का आकार बढ़ने से बिहार को होने वाले फायदे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें बिहार को कुछ नहीं मिलने वाला है। सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि में कटौती कर दी गई है। नहीं कुछ करने के बावजूद सभी चीजों पर उनका नियंत्रण होने के कारण उन्हीं की खबरें चलती रहती हैं। राज्यों को अपने विकास के लिए ऋण की व्यवस्था करनी पड़ेगी। हमलोग काफी पहले से विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं लेकिन वे लोग सुन ही नहीं रहे हैं। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार जैसे दूसरे अन्य पिछड़े राज्य भी आगे आगे बढ़ जाते। पिछड़े राज्यों का विकास होने से देश का ही विकास होता ।

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