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स्टार्टअप कंपनियों के लिये नियम उदार किये गये, एंजल कर छूट के लिये निवेश सीमा बढ़ी

सरकार ने नये विचारों पर काम करने वाले उद्यमियों को मंगलवार को बड़ी राहत दी। इसके तहत स्टार्टअप कंपनियों में 25 करोड़ रुपये तक के निवेश को

सरकार ने नये विचारों पर काम करने वाले उद्यमियों को मंगलवार को बड़ी राहत दी। इसके तहत स्टार्टअप कंपनियों में 25 करोड़ रुपये तक के निवेश को ‘एंजल कर’ से छूट देने का प्रावधान किया है तथा इस लाभ लेने की अवधि बढ़ाकर 10 साल कर दी गयी है।

अबतक स्टार्टअप को आयकर कानून की धारा 56 (2) (7 बी) के तहत 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर ही छूट थी। साथ ही उन्हें यह लाभ उठाने को सात साल का समय दिया गया है।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की अधिसूचना के अनुसार 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले अब स्टार्टअप माने जाएंगे जबकि पहले यह सीमा 25 करोड़ रुपये थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने आज अधिसूचना जारी की जो काफी अच्छा बदलाव लाएगी। यह एक सकारात्मक कदम है। स्टार्टअप नवप्रवर्तक और रोजगार सृजित करने वाली इकाइयां हैं। हम उनकी हर तरह से मदद करना चाहते हैं। कराधान मुद्दे पर गौर किया गया और हमने मुद्दों को संबंधित मंत्रालयों के समक्ष रखा।’’

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उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों को इस छूट का लाभ लेने के लिये निवेश से जुटाई राशि के बारे में डीपीआईआईटी को स्वयं विवरण देना होगा। वे विवरण केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को भेजेंगे। ‘‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि छूट का लाभ केवल वैध इकाइयों को ही मिले। ’’

सीबीडीटी द्वारा स्टार्टअप इकाइयों को पहले जारी किए जा चुके विवादास्पद नोटिसों के संदर्भ में बोर्ड ने कहा है कि आयकर के क्षेत्रीय अधिकारियों को इन मामलों को त्वरित गति से निपटाने की सलाह दी गयी है।

कई स्टार्टअप इकाइयों ने एंजल कर के नोटिस को लेकर शिकायतें की थीं। उनका कहना था कि इससे उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है।उस लिहाज से सरकार का यह कदम खासा महत्वपूर्ण है। स्टार्टअप को आयकर कानून की धारा 56 (2) (7 बी) के तहत नोटिस भेजकर प्राप्त एंजल कोष पर कर की मांग की गयी थी।

लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन एटार्नीज के भागीदार एस वासुदेवन ने कहा कि उक्त छूट से अपेक्षाकृत बड़े आकार के स्टार्टअप को राहत मिलने की संभावना है जिनका कारोबार 100 करोड़ रुपये तक है। हालांकि उन्हें शेयर बिक्री से प्राप्त प्रीमियम पर उन्हें कर देना पड़ सकता है।

अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मित्रों या परिवार के सदस्यों या प्रवर्तकों द्वारा किये गये 25 करोड़ रुपये तक के निवेश पर छूट प्राप्त होगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘25 करोड़ रुपये की सीमा उस निवेश राशि पर लागू नहीं होगी जो वैकल्पिक निवेश कोषों या पात्र सूचीबद्ध कंपनियों के निवेश से आयी होगी। इसीलिए अगर आप के पास 25 करोड़ रुपये से भी अधिक का निवेश आता है, तो भी आप लाभ उठा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि अगर स्टार्टअप निजी लिमिटेड कंपनी है और जिसे डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त है और वे विनिर्दिष्ट संपत्तियों में निवेश नहीं कर रही है, वे धारा 56 (2) (7 बी) के तहत छूट के हकदार हैं। विनिर्दिष्ट संपत्तियों में रीयल एस्टेट, कर्ज, अन्य इकाई द्वारा किया गया पूंजी योगदान, शेयर और प्रतिभूति खरीदना, वाहन, विमान या 10 लाख रुपये से अधिक कीमत के वाहन जैसी सम्पत्तियां शामिल होंगी।

हालांकि यह शर्त उन स्टार्टअप पर लागू नहीं होगा जो संबंधित क्षेत्रों में ही कार्यरत हैं और इस तरह के निवेश को व्यापार के सामान के रूप में रखते हैं।
छूट के बारे में विस्तार से बताते हुए डीपीआईआईटी सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि जो एंजल निवेशक 5 करोड़ रुपये से भी कम निवेश कर रहे थे, उन पर कर लगाया जा रहा था। और अब किसी भी निवेशक द्वारा 25 करोड़ रुपये तक के निवेश की सीमा किये जाने से हम एंजल निवेश मुद्दे से बाहर निकल गये हैं। उन्होंने कहा कि इस छूट से बड़ी संख्या में स्टार्ट अप को लाभ होगा।

अभिषेक ने कहा, ‘‘हमने यह भी जोड़ा है कि 100 करोड़ रुपये के नेटवर्थ या 250 करोड़ रुपये के कारोबार वाली सूचीबद्ध कंपनियों तथा जिनका शेयर सेबी के नियमन के तहत निरंतर कारोबार हो रहा है, वे पात्र स्टार्टअप में बिना किसी सीमा के निवेश कर सकते हैं।’’

देश में अभी मान्यता प्राप्त 16,000 स्टार्टअप काम कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त करने के लिये स्टार्टअप को गठन का प्रमाणपत्र अपलोड करना होता है और उसका कुछ ब्योरा देना होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘नये स्टार्टअप के लिये हम पंजीकरण प्रक्रिया में प्रावधान करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जो स्टार्टअप इस प्रावधान के तहत या पहले की अधिसूचना के तहत पंजीकृत हैं, वे सभी इसके दायरे में आएंगे।’’

प्रवासियों, वैकल्पिक निवेश कोष-श्रेणी-1 द्वारा पात्र स्टार्टअप में 25 करोड़ रुपये की सीमा के ऊपर के निवेश को भी छूट मिलेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि आयकर कानून की धारा 80-आईएसी के तहत आयकर छूट की मांग के मामले में अंतर-मंत्रालयी बोर्ड अंतिम निर्णय करेगा। अबतक 94 स्टार्टअप ने यह छूट हासिल की है।

अधिसूचना मंगलवार से प्रभाव में आयी है। इसकी समीक्षा 31 मार्च 2021 या उससे पहले की जाएगी।

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