क्या कमर तोड़ महंगाई से अब मिलेगी निजात? दूसरी तिमाही में 8.4% रही GDP ग्रोथ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

क्या कमर तोड़ महंगाई से अब मिलेगी निजात? दूसरी तिमाही में 8.4% रही GDP ग्रोथ

देश की इकोनॉमी ने सितंबर तिमाही में रफ्तार पकड़ ली है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.4 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है।

 देश की इकोनॉमी ने सितंबर तिमाही में रफ्तार पकड़ ली है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.4 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है। बीते साल की समान अवधि में विकास दर निगेटिव में 7.4 फीसदी थी। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच जीडीपी ग्रोथ 20.1 फीसदी रही थी। ये बढ़ोतरी संकुचन के बाद की थी। दरअसल, कोरोना की पहली लहर की वजह से जीडीपी निगेटिव में थी, यही वजह है कि जून तिमाही में इतनी बड़ी बढ़त देखी गई । इसके साथ मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी रिकवरी आई थी।
दूसरी तिमाही GDP आंकड़ों पर एक नज़र
वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले देश की जीडीपी ग्रोथ -7.4 फीसदी से बढ़कर 8.4 फीसदी हो गई है। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के मुकाबले जीडीपी ग्रोथ 20.1 फीसदी से गिरकर 8.4 फीसदी पर आ गई है।
एग्रीकल्चर ग्रोथ 3 फीसदी से बढ़कर 4.5 फीसदी हो गई है। मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ -1.5 फीसदी से बढ़कर 5.5 फीसदी हो गई है। कंस्ट्रक्शन ग्रोथ -7.2 फीसदी से बढ़कर 7.5 फीसदी पर पहुंच गई है।
राजकोषीय घाटा सालाना आकलन का 36.3%
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 36.3 फीसदी पर रहा है। कुल टैक्स रिसिप्ट 10.53 करोड़ रुपये रहा है। जबकि कुल खर्च 18.27 लाख करोड़ रुपये रहा है। सरकार ने इस साल राजकोषीय घाटा 6.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। पिछले साल की समान अवधि में फिजकल डेफिसिट यानी खर्च और रेवेन्यू के बीच अंतर 2020-21 के बजट आकलन का 119.7 फीसदी रहा था।
डेफिसिट अक्टूबर के आखिर में, 5,47,026 करोड़ रुपये रहा है। सालाना आकलन 15.06 लाख करोड़ रुपये का था। 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 फीसदी था, जो फरवरी में बजट में अनुमानित 9.5 फीसदी से बेहतर था।
GDP को लेकर क्या था अनुमान?
ज्यादातर जानकारों ने दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी और 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया था। रॉयटर्स के 44 अर्थशास्त्रियों के सर्वे में संकेत मिला था कि दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।RBI ने वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 9.5 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। अगस्त में IIP ग्रोथ 11.9 फीसदी पर रही थी, जो जुलाई के 11.5 फीसदी के मुकाबले ज्यादा थी। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज भी अच्छी रही थी।
रेटिंग एजेंसी ICRA का दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.3 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, पूरे साल में 9.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है। एजेंसी ने अच्छी ग्रोथ के पीछे लगातार नौ तिमाही में एग्रीकल्चर ग्रोथ 3 फीसदी से ज्यादा रहने को वजह बताया है। एजेंसी का कहना है कि इससे ग्राहकों का खर्च बढ़ेगा और यह निजी खपत में भी इजाफा होगा। वहीं, SBI रिसर्च में जीडीपी ग्रोथ करीब 8.1 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया था। जबकि GVA 7.1 फीसदी पर बताया गया था. उन्होंने कहा था कि भारत का दूसरी तिमाही में 8.1 फीसदी का ग्रोथ रेट सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है।
इस साल सितंबर के महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) में 4.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. यह आंकड़ा 126.7 पर रहा था। आपको बता दें कि GDP देश की भौगोलिक सीमाओं के अंदर एक निश्चित समय की अवधि के दौरान सामान और सेवाओं के उत्पादन की कूल वैल्यू होती है। GDP ग्रोथ रेट एक देश के आर्थिक प्रदर्शन का महत्वपूर्ण संकेतक होती है।

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