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किसी चूक के मूड में नहीं भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकार

बस्तर की सीटें जरूर नक्सल प्रभावित हैं वहीं इनमें ज्यादातर संवेदनशील केन्द्र हैं। इन क्षेत्रों में प्रत्याशी का चेहरा भी मतदाताओं के लिए अहम हो सकता है।

रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन में प्रत्याशी चयन की एक्सरसाइज अंतिम दौर में है। हालांकि पहले चरण की 18 सीटों के मामले में चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस अभी घोषणा से परहेज कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में नए सिरे से रणनीतिक दांव चल सकता है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के रणनीतिकार इस मामले में एक दूसरे की योजना को भांपने की कोशिशों में है।

वहीं नए सिरे से इस मामले में प्रत्याशी तय करने पर विचार चल रहा है। हालांकि घोषणा में लेटलतीफी के कई राजनीतिक मायने माने जा रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि प्रत्याशियों के मामले में जल्दबाजी कर चूक के बजाए विलंब से ही विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा। इधर नामांकन दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसी स्थिति में प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ गई है। वहीं कार्यकर्ता भी इंतजार में हैं कि चुनावी मैदान में उनका चेहरा कौन होगा।

सूत्र यह भी दावा करते हैं कि कुछ हाईप्रोफाईल सीटों में प्रत्याशियों को ईशारा भी कर दिाय गया है। वहीं उन्हें तैयारी करने के लिए भी कह दिया गया है। माना जा रहा है कि संबंधित प्रत्याशी अब चुनावी मैदान में निकल गए हैं वहीं औपचारिक तौर पर जरूर नामांकन की तैयारी हो रही है। चुनावी घमासान के बीच इसे राजनीतिक नजरिए से अहम माना जा रहा है।

पहले चरण की 18 सीटों में प्रत्याशियों का मामला महत्वपूर्ण इसलिए भी हो सकता है क्योंकि इन्हें चुनाव आयोग ने नक्सल प्रभावित माना है। इनमें राजनांदगांव विधानसभा को छोड़ दें तो यह गैर नक्सल प्रभावित सीट मानी जाती है। अन्य सीटों में बस्तर की सीटें जरूर नक्सल प्रभावित हैं वहीं इनमें ज्यादातर संवेदनशील केन्द्र हैं। इन क्षेत्रों में प्रत्याशी का चेहरा भी मतदाताओं के लिए अहम हो सकता है।

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