Delhi High Court : बच्चा गोद लेने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं

Delhi High Court : बच्चा गोद लेने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘‘बच्चा गोद लेने’’ के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया जा सकता और इसके इच्छुक माता-पिता के पास यह चुनने का कोई अधिकार नहीं है कि किस बच्चे को गोद लेना है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने उस नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत दो या दो से अधिक बच्चों वाले दंपति को केवल विशेष जरूरतों वाले या ऐसे बच्चों को गोद लेने की अनुमति दी जाती है, जिन्हें अधिक लोग गोद लेने के इच्छुक नजर नहीं आते।

 Highlights 

  • बच्चा गोद लेने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं  
  • बच्चों के कल्याण को तरजीह  
  • गोद लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है  

बच्चों के कल्याण को तरजीह

अदालत ने कहा कि इस प्रक्रिया में बच्चों के कल्याण को तरजीह दी जाती है, और भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी) के अधिकारों को इस पर तवज्जो नहीं दी जा सकती। उच्च न्यायालय ने एक हालिया आदेश में कहा, ‘‘गोद लेने के अधिकार को अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं दिया जा सकता है और न ही इसे उस स्तर तक बढ़ाया जा सकता है जिससे पीएपी को यह विकल्प मिले कि किसे गोद लेना है। गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह बच्चों के कल्याण के आधार पर संचालित होती है।

गोद लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है

न्यायाधीश ने कहा कि गोद लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है और कई निःसंतान दंपति और एक बच्चे वाले माता-पिता हैं, जो ‘‘सामान्य बच्चे’’ को गोद लेना चाहेंगे, ऐसे में विशेष जरूरतों वाले बच्चे को गोद लेने की संभावना बहुत कम हो जाती है, इसलिए उपरोक्त नियम का उद्देश्य केवल यही है। अदालत ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि विशेष आवश्यकता वाले अधिक से अधिक बच्चों को गोद लिया जाए।
अदालत का फैसला दो बच्चों वाले कई पीएपी की याचिकाओं पर आया, जिन्होंने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार तीसरे बच्चे को गोद लेने के लिए आवेदन किया था।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven + 12 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।