दिल्ली हाई कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वाईएसआर कांग्रेस सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमानत अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं जताई। ED ने अपने जवाब में कहा कि आरोपी सक्रिय रूप से जांच में सहयोग कर रहे हैं और अपराध की आय का पता लगाने में मदद कर रहे हैं।
गुरुवार को अदालत के आदेश में कहा गया, याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील का कहना है कि चूंकि जमानत अर्जी का विरोध लोक अभियोजक द्वारा नहीं किया जा रहा है, इसलिए पीएमएलए की धारा 45 (1) (ii) द्वारा निर्धारित शर्तें लागू नहीं होंगी।ऊपर दिए गए बयान और यहां बताए गए तथ्यों के मद्देनजर, चिकित्सा आधार पर पहले चार सप्ताह के लिए 17 जुलाई को दिए गए आदेश को पूर्ण बनाया जा रहा है।
आदेश में कहा गया, ED के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने यह भी कहा है कि ED ने वर्तमान मामले में केवल विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों पर रियायत दी है और इस आदेश को एक मिसाल के रूप में नहीं लिया जा सकता। न्यायमूर्ति शर्मा ने आगे कहा कि यह रिकॉर्ड की बात है कि ED द्वारा दायर हलफनामा केवल विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों पर है और इसलिए इस आदेश को अन्य आरोपी व्यक्तियों के लाभ के लिए एक मिसाल के रूप में नहीं लिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता को 2,00,000 रुपये (दो लाख रुपये) के निजी बांड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि देने पर नियमित जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, जस्टिस शर्मा ने कुछ शर्तें भी लगा दी। इसमें कहा गया कि राघव मगुंटा को जब भी बुलाया जाए, ED के चेन्नई या दिल्ली कार्यालय में उपस्थित होना पड़ेगा। वह ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेंगे। उन्हें दो दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पासपोर्ट जमा करना होगा। राघव मगुंटा को फरवरी में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।